अल्मोड़ा के फलसीमा गांव में भू-माफियाओं द्वारा 80 नाली (1.6 हेक्टेयर) विवादित जमीन पर अवैध कब्जे की कोशिशों ने ग्रामीणों के आक्रोश को भड़का दिया है। कल यानि 16 फरवरी को ग्रामीणों ने जनगीतों और नारों के साथ प्रदर्शन कर शासन-प्रशासन से कार्रवाई की मांग की । मामला 70 वर्षीय भागीरथी देवी के फर्जी बैनामे से जुड़ा है, जिसमें उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग कर जमीन हड़पने का आरोप है । न्यायालय ने धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि आरोपियों को संरक्षण दिया जा रहा है।
बताते चले कि शुक्रवार को अल्मोड़ा के फलसीमा गांव में दिल्ली के भू-माफियाओं द्वारा तारबाड़ लगाने की कोशिश के खिलाफ 25 महिलाओं समेत ग्रामीणों ने एकजुट होकर विरोध किया और उन्हें खदेड़ दिया था। रविवार को आयोजित प्रदर्शन में “जल, जंगल, जमीन हमारी!” के नारों के साथ ग्रामीणों ने संघर्ष को पूरे उत्तराखंड की लड़ाई बताया ।
स्थानीय दलालों और राजनीतिक प्रभाव का खेल
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्थानीय दलालों ने उपजाऊ जमीन को “बंजर” दिखाकर और शराब/लालच देकर 35 से अधिक फर्जी रजिस्ट्रियां करवाईं। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के पीसी तिवारी ने एसआईटी जांच और सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।
सरकार से सख्त भू-कानून की मांग, धरना-प्रदर्शन की चेतावनी
ग्रामीणों ने 15 दिनों के भीतर जांच और रजिस्ट्री रद्द करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सरकार ने सशक्त भू-कानून नहीं बनाए, तो पूरे उत्तराखंड में आंदोलन फैल जाएगा । एसएसपी देवेंद्र पींचा ने जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन ग्रामीण अब तकनीकी जांच और राजस्व अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं।
इस मौके पर लक्ष्मण सिंह, दीवान सिंह, बलवंत सिंह, विनोद सिंह, किशन सिंह बिष्ट, जीवंती बिष्ट, रेखा बिष्ट, सुनीता बिष्ट, लीला बिष्ट, हेमा बिष्ट, गणेश बिष्ट, सर्वजीत बिष्ट, राजेंद्र बिष्ट, भोपाल बिष्ट, मोहन बिष्ट, खांसी देवी, आशा देवी, दीपा देवी, दीपक बिष्ट, विनी बिष्ट, पान सिंह, पूर्ण सिंह, नंद सिंह, उछास की भावना पांडे, हेमा पांडे, ममता जोशी, ममता बिष्ट समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।