सांसदो के निलंबन के ​खिलाफ मुखर हुई अल्मोड़ा में कांग्रेस,केंद्र सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

अल्मोड़ा। जिला कांग्रेस कमेटी अल्मोड़ा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में लोकसभा और राज्यसभा में सांसदों के निलंबन के विरोध में धरना…

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अल्मोड़ा। जिला कांग्रेस कमेटी अल्मोड़ा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में लोकसभा और राज्यसभा में सांसदों के निलंबन के विरोध में धरना प्रदर्शन किया।

इस मौके पर आयोजित सभा में बोलते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह भोज ने कहा कि लोकसभा एवं राज्यसभा में संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे विपक्षी दलों के 143 सांसदों की अलोकतांत्रिक तरीके से की गई। निलम्बन की कार्रवाई का कांग्रेस विरोध करते हुए इस कार्रवाई की कड़े शब्दों में निन्दा करती है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह भोज ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्य सभा उपसभापति ने लोकतंत्र के सभी मानकों एवं मापदण्डों पर कुठाराघात करते हुए 143 सांसदों का निलंबन कर दिया।कहा कि लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्य सभा उपसभापति दोनों ने अलोकतांत्रिकता का अपना घिनौना चेहरा सबके सामने लाते हुए कांग्रेस पार्टी सहित सभी विपक्षी दलों के 143 सांसदो को निलंबित कर दिया।


कांग्रेस जिलाध्यक्ष भोज ने कहा कि सांसदों को देश की जनता ने अपने हितों की रक्षा के लिए, कर्तव्य निर्वहन की जिम्मेदारी दी है और इसी जिम्मेदारी को निभाते हुए सासंद सरकार से संसद में सुरक्षा चूक पर केवल स्पष्टीकरण मांग रथे लेकिन केंद्र सरकार का लोकतंत्र में विश्वास नही है और लोकसभा अध्यक्ष और राज्य सभा के उपसभापति ने संवैधानिक दायित्वों का पालन ना करके उल्टा सरकार से सवाल कर रहे विपक्ष के 143 सांसदो को ही निलंबित कर दिया। भोज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का सदैव लोकतंत्र एवं लोकशाही में गहरा विश्वास रहा है और आज देश में लोकतंत्र के जितने भी स्तम्भ हैं, उनकी स्थापना में महात्मा गांधी से लेकर आज तक कांग्रेस पार्टी का एक लम्बा इतिहास रहा है और केंद्र सरकार इन सभी खत्म कर रही है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह भोज ने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों को उनके कर्तव्यों से विमुक्त करना लोकतंत्र के प्रति अपराध है। असहमति के स्वरों को सुनना एवं स्वीकार करना स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है तथा भारतीय संसद लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा का सर्वोच्च मंच है। चुने हुए सांसदों को संसद से बाहर करने की यह घटना लोकतंत्र के इतिहास में काले अक्षरों में अंकित की जायेगी। स्वस्थ लोकतांत्रिक परम्परा में असहमति को भी सुनना पड़ता है तथा देश और जनता से जुडे हुए मुद्दों पर अगर लोकतंत्र के सर्वोच्च मन्दिर में चर्चा नहीं की जायेगी तो वे बतायें कि वे किस सदन में चर्चा करना चाहते हैं।सत्ता प्राप्ति के लिए जनता की संवेदनाओं का शोषण करने का भारतीय जनता पार्टी का लम्बा इतिहास रहा है।

कहा कि इस प्रकार का गिरगिटी चरित्र भारतीय जनता पार्टी की पहचान है और वे जब सत्ता में होते हैं तो उनके स्वयं के लिए अलग नैतिक मूल्य एवं कानून होते हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण संसद प्रकरण में विजिटिंग पास जारी करने वाले भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं जिन पर संसद कांड के सम्बन्ध मे अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।लोकसभा एवं राज्यसभा में गतिरोध बढाने के लिए भाजपा ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों के सांसदों के साथ जिस प्रकार की कार्रवाई की है वह भाजपा के तानाशाही रवैये को उजागर करती है।

कहा कि लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्यसभा उपसभापति द्वारा की गई इस कार्रवाई का विश्व के लोकतांत्रिक देशों में अच्छा संदेश नहीं गया है निवर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश जोशी ने कहा की देश के बुद्धिजीवी वर्ग ने भी लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्यसभा के उपसभापति के इस अलोकतांत्रिक कदम की सराहना नहीं की है। भारतीय जनता पार्टी विषेशकर गृहमंत्री अमित शाह को कांग्रेस पार्टी एवं विपक्षी दल के निलम्बित सांसदों से माफी मांगनी चाहिए तथा सरकार को सुरक्षा में हुई चूक पर जिम्मेदारी लेते हुए सभी सांसदों का निलम्बन वापस लिया जाना चाहिए।

धरना प्रदर्शन में कांग्रेस नगर अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, पूर्व जिलाध्यक्ष पीताम्बर पांडे ,विनोद वैष्णव,शाहबुदीन, हेम तिवारी, धीरज गैलाकोटी, अवनी अवस्थी, एमएस राजपूत, एम के जोशी,सुनील कर्नाटक,रमेश नेगी,ललित सतवाल ,रोहित रौतेला,पूर्व दर्जा मंत्री पूरन रौतेला,अरविंद रौतेला,मोहन देवली,यूथ जिलाध्यक्ष दीपक कुमार, हर्ष कनवाल,महिला नगर अध्यक्ष दीपा साह,विपुल कार्की,विक्रम बिष्ट,नारायण दत्त पांडे,आशा थापा,संजीव कर्म्याल,हरेंद्र रावत, दानिश खान,नवल बिष्ट आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।