बीते 13 जनवरी के एक पत्र के वायरल होने के बाद अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री का सोशल मीडिया में एक बयान सामने आया है। इस बयान में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री रितांशु कंडारी ने कहा कि ”जिला शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा के पत्र को लेकर सोशल मिडिया पर ABVP की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है, ABVP किसी भी कार्यक्रम की अनुमति अपने पंजीकृत लेटर हेड पर ही लेती है इसलिए इस कृत्य से ABVP का कोई लेना देना नहीं है,”।
अब यह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोग ही बेहतर बता सकते है कि जो लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए वह अभाविप के सदस्य है या नही और 16 फरवरी को जो कार्यक्रम हुआ था वह किसका कार्यक्रम था।
क्या है मामला
दरअसल 16 फरवरी को अल्मोड़ा में एबीवीपी के छात्र गर्जना सम्मेलन में स्कूली छात्र छात्राओं की भागीदारी के बाद से मामला चर्चाओं में था। इस प्रकरण से साफ तौर पर शिक्षा मंत्री के आदेश की धज्जिया उड़ती दिखाई दी। शिक्षा मंत्री ने साफ तौर पर निर्देश दिए थे कि शिक्षा विभाग से इतर किसी भी जुलूस और प्रदर्शन में स्कूली छात्र छात्राओं को शामिल नही किया जाए। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस आदेश को ताक पर रखकर बच्चों को भाजपा से जुड़े विद्यार्थी संगठन की रैली में भाग लेने के आदेश दे डाले।
यह खबर हमने 16 फरवरी को ही प्रकाशित कर दी थी और मुख्य शिक्षा अधिकारी ने इसके बाद एक स्पष्टीकरण जारी कर बच्चों को अन्यत्र कार्यक्रमों में भागीदारी नही कराने की बात कही थी। मामला तब गर्माया जब एक पत्र वायरल हो गया।