Almora- जिले में अमृत सरोवर परियोजना सहित अन्य विकास योजनाओं की हुई समीक्षा

अल्मोड़ा। 04 जुलाई, 2022 – जिलाधिकारी वंदना द्वारा अमृत सरोवर परियोजना एवं अन्य विकास योजनाओं एवं उनकी प्रगति की समीक्षा विकास भवन सभागार में की…

Amrit Sarovar Project reviewed in Almora district

अल्मोड़ा। 04 जुलाई, 2022 – जिलाधिकारी वंदना द्वारा अमृत सरोवर परियोजना एवं अन्य विकास योजनाओं एवं उनकी प्रगति की समीक्षा विकास भवन सभागार में की गई। अमृत सरोवर को लेकर उन्होंने कहा कि कार्यों को सुव्यवस्थित एवं योजनागत तरीके से किया जाए, जिससे आगामी मानसून सीजन का प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

उन्होंने निर्देश दिए कि 15 अगस्त तक न्यूनतम तीस प्रतिशत कार्य अमृत सरोवर योजना में किया जाना है तथा मार्च 2023 तक सभी चिन्हित स्थलों को एक वास्तविक एवं लाभकारी सरोवर के रूप में बनाना सुनिश्चित करें। उपस्थित सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्यों में व्यक्तिगत रुचि ली जाए तथा अपनी मौजूदगी में तथा समय समय पर फील्ड विजिट करके कार्यों को संपादित करें। इसके लिए उन्होंने फील्ड वर्कर एवं पंचायत प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि सभी चिन्हित स्थलों की मैपिंग करें तथा अमृत सरोवर से जुड़े सभी प्राकृतिक जल स्रोतों अध्ययन करें, जिससे पता चल सके कि उक्त सरोवर से कोन कोन से प्राकृतिक स्रोत प्रभावित होते हैं। साथ ही निर्देश दिए कि धन की बरबादी एवं फिजूल खर्ची न की जाए।

इस दौरान जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों की विभिन्न योजनाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग, मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना, आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मनरेगा समेत कई योजनाओं के तहत किए जा रहे कार्यों की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। इस दौरान जिलाधिकारी ने कार्यों में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों को फटकार लगाई। कार्यों की लक्षित उपलब्धि प्राप्त न होने पर नाराजगी जाहिर की एवं चेतावनी दी कि यदि संबंधित अधिकारियों द्वारा किए गए कार्यों में सुधार नहीं हुआ तो सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।पलायन रोकथाम योजना के तहत उन्होंने कहा कि कलस्टर बना कर लोगों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाए।

उन्होंने कहा कि किसी एक योजना को अनुकूल परिस्थितियों के तहत चिन्हित गांव में लागू किया जाए जिससे संबंधित योजना से गांवों के सभी लोग जुड़ सके एवं आजीविका को प्राप्त कर सकें । उन्होंने कहा कि जिस गांव में शहद उत्पादन की संभावनाएं व्याप्त हैं वहां ग्रामीणों को शहद उत्पादन में प्रशिक्षण एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए। इसी प्रकार योजना के वाइबैलिटी के हिसाब से कलस्टर का चयन किया जाए ।


इस दौरान उन्होंने मनरेगा के तहत किए गए कार्यों में ब्लॉक द्वारा की गई गतिविधियों की भी समीक्षा की तथा निर्देश दिए कि सभी खंड विकास अधिकारी प्राप्त लक्ष्यों एवं किए गए कार्यों की प्रगति से अद्यतन रहें।

उन्होंने लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने एवं प्रगति लाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि कार्य करने वाले श्रमिकों को भुगतान समय करना सुनिश्चित करें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पांडे, जिला विकास अधिकारी केएन तिवारी, परियोजना निदेशक चंद्रा फर्त्याल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।