केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत उत्तराखंड में हवाई सेवाओं को लगातार विस्तार दिया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश के लगभग सभी जिलों में हवाई सेवा उपलब्ध कराई जा चुकी है, जिससे यात्री कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। इसके अलावा, कई नए हेली रूट्स को भी मंजूरी दी गई है, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा और भी सुगम हो जाएगी।
गढ़वाल और कुमाऊं में बढ़ी हेली सेवाएं, नए रूट्स को मिली मंजूरी
उत्तराखंड में उड़ान योजना के तहत कई महत्वपूर्ण हेली सेवाएं संचालित हो रही हैं, जिनमें गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के जिलों को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा, गढ़वाल और कुमाऊं को आपस में जोड़ने के लिए भी नई हवाई सेवाओं की शुरुआत की जा रही है।
इन प्रमुख हेली सेवाओं को मिली मंजूरी
हिंडन-पिथौरागढ़, अल्मोड़ा-पंतनगर, टिहरी-देहरादून, गौचर-श्रीनगर-टिहरी, देहरादून-अल्मोड़ा, देहरादून-चंपावत, हल्द्वानी-पिथौरागढ़, हल्द्वानी-मुनस्यारी, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ जैसे कई रूट्स पर हवाई सेवाओं की मंजूरी मिल चुकी है। वहीं, देहरादून-नौकुचियाताल, देहरादून-बागेश्वर और देहरादून-मसूरी जैसी नई सेवाओं की भी तैयारी की जा रही है।
हरिद्वार और रुद्रप्रयाग में हवाई सेवाओं की चुनौती
प्रदेश के लगभग सभी जिलों को उड़ान योजना के तहत जोड़ा जा चुका है, सिर्फ हरिद्वार और रुद्रप्रयाग को छोड़कर। हरिद्वार में हवाई सेवा के लिए उपयुक्त जमीन की उपलब्धता एक बड़ी समस्या बनी हुई है, हालांकि चार धाम यात्रा के लिए हवाई सेवा शुरू करने की योजना पर काम जारी है। दूसरी ओर, रुद्रप्रयाग में पहले से ही केदारनाथ के लिए नौ हेली सेवा कंपनियां काम कर रही हैं, जिससे नए रूट को जोड़ना फिलहाल संभव नहीं हो पा रहा है।
प्रदेश में हवाई संपर्क को लेकर यूकाडा की बड़ी पहल
उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूकाडा) की सीईओ सोनिका ने बताया कि उड़ान योजना के तहत प्रदेश के लगभग सभी जिलों को हवाई सेवा से जोड़ने के प्रयास सफल रहे हैं। कुछ नए रूट्स को भी मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही इन क्षेत्रों में भी हवाई सेवाएं शुरू की जाएंगी। इससे राज्य के दूरदराज इलाकों में आवागमन आसान होगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।