मिशन दालचीनी, तिमूर एवं लैमनग्रास के तहत लाखों पौधों की खेप को किया कृषि मंत्री गणेश जोशी ने रवाना

देहरादून, 30 जूलाई 2024 विगत दिवस यानि 29 अप्रैल को उत्तराखण्ड के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम…

Agriculture Minister Ganesh Joshi flagged off the consignment of lakhs of saplings under Mission Cinnamon, Timur and Lemongrass

देहरादून, 30 जूलाई 2024

विगत दिवस यानि 29 अप्रैल को उत्तराखण्ड के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में से मिशन दालचीनी एवं मिशन तिमूर की घोषणा के तहत सगन्ध पौधा केन्द्र (कैप), सेलाकुई की ओर से प्रदेश के विभिन्न जनपदों के लिए पहले चरण में लगभग 03 लाख पौधों की खेप को फ्लैग ऑफ किया।


मिशन दालचीनी के पहले चरण में जनपद- चम्पावत और नैनीताल में इसकी शुरूआत कृषि वानिकी के रूप की जा रही है। सगन्ध पौधा केन्द्र (कैप) इसके प्रचार- प्रसार, तकनीकी प्रशिक्षण, प्रसंस्करण एवं बाजार के लिए खतेडा (चम्पावत) “सिनामन सेटेलाईट सेन्टर” के रूप में विकसित किया जा रहा है।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकार सगन्ध फसलों के प्रसार को बढावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है।कृषि मंत्री जोशी ने कहा कि पारम्परिक फसलों को जंगली जानवरों नुकसान पहुचा रहे है और इसके कारण किसान पारंपरिक खेती से विमुख हो रहे है। कहा कि सरकार की कोशिश है कि छोड़ी खेती की जगह पर संगध फसलों की खेती के माध्यम से किसानों की आजीविका बढ़ सके।


कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आशा जताई कि भविष्य में दालचीनी तथा सिनामन की पत्तियों के उत्पादन में उत्तराखंड राज्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कहा कि अभी तक दालचीनी का उत्पादन दक्षिण भारत में हो रहा है और राज्य के किसान अभी तक केवल इसकी पत्तियाँ ही बाजार में बेच रहे है। मंत्री जोशी ने कहा कैप के वैज्ञानिकों ने सिनमन की एक नई लाईन का कृषिकरण करवाया जा है और सिनमन की छाल की गुणवत्ता दालचीनी के समान ही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सिनमन उत्तराखंड दालचीनी के नाम से बाजार में अपनी एक अलग पहचान बनाएंगी। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में उगने वाले तिमूर की भी बाजार में बढती मांग को देखते हुए इसें मिशन मोड में चलाने के लिए योजना बनाई जा रही है। कहा कि अभी तक तिमूर का बीज नेपाल से आ रहा है,उत्तराखण्ड की जलवायु इसके अनुकूल है औैर इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में पिथौरागढ़ जिले से इसकी शुरूवात की जाएगी। उन्होंने कहा वर्तमान में तिमूर बीज की आपूर्ति नेपाल से की जा रही है जबकि उत्तराखंड की जलवायु इसके कृषिकरण के लिए अत्यन्त अनुकूल है। प्रथम चरण में जनपद- पिथौरागढ में इसकी रोपाई की जायेगी और इसके प्रचार- प्रसार, तकनीकी प्रशिक्षण, प्रसंस्करण एवं बाजार सहयोग आदि के लिए पिथौरागढ़ के​ विशाड़ गांव में “तिमूर सेटेलाईट सेन्टर को विकसित किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने कहा के 2023—2024 में मिशन दालचीनी एव मिशन तिमूर के व्यापक प्रसार के लिए लगभग 200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में इनकी खेती का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को इनकी उच्चगुणवत्ता युक्त पौध सामग्री कैप में स्थित सगन्ध फसल उत्कृष्टता केन्द्र, सेलाकुई में तैयार कर उपलब्ध कराई जा रही है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा प्रदेश सरकार किसानों में लोकप्रिय फसल लैमनग्रास को भी बड़े पैमानें पर प्रसारित कर रही है। इस फसल की खेती बंजर पडी कृषि भूमि में आसानी से की जा सकती है। उ

न्होंने कहा राज्य में इस वर्ष 250 हे0 क्षेत्रफल में लैमनग्रास की खेती का लक्ष्य रखा गया है, जिसे निःशुल्क पौध योजना तथा मनरेगा कार्यक्रम के तहत प्राप्त किया जाएगा। सगन्ध फसलों की खेती राज्य के किसानों में काफी लोकप्रिय हो रही है वर्तमान में 24,000 से अधिक कृषक इसकी खेती से लाभान्वित हो रहे हैं। कृषि मंत्री ने कहा मुख्यमंत्री द्वारा मिशन दालचीनी एवं तिमूर की घोषणा को मूर्तरूप देने के लिए प्रदेश में कुल 1.14 करोड पौध किसानों को निःशुल्क वितरित की जाएगी। मंत्री ने भरोसा जताते हुए कहा संगध पौधा केन्द्र निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरा करते हुए किसानों को उनकी आमदनी बढाने में सार्थक भूमिका निभाएगा। इस मौके परचम्पावत के ग्राम पडासेरा, सिरमोली, डिंडा,जनपद पिथारागढ के ग्राम खुमती, बूगांछीना,जनपद टिहरी के ग्राम भटोली,जनपद पौडी के ग्राम जेठागॉव,ग्वीलगॉव,जनपद अल्मोडा के ग्राम भकुना,जनपद देहरादून के ग्राम कोटा,डिमाऊ के लिए पौंध रवाना की गई। कृषि सचिव दीपेंद्र चौधरी, कैप निदेशक नृपेन्द्र चौहान, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला आदि इस मौके पर मौजूद रहे।