Central government has always respected farmers, agricultural bill will eliminate the role of middlemen- Lalit Latwal
अल्मोड़ा, 26 सितंबर 2020- भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष व जिला सहकारी बैंक अल्मोड़ा के अध्यक्ष ललित लटवाल ने कहा कि मोदी सरकार जो कृषि बिल(agricultural bill) लाई है व किसानों के हित का बिल है |
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कोंग्रेस बेवजह विरोध कर रही है क्योंकि दलाली की संभावनाओं को खत्म कर सरकार अब वो पैसा आम किसान के खाते में डालने का प्रयास कर रही है|
जारी बयान में जो मोदी सरकार हर साल किसानों के खाते में 6000 रुपये डाल रही है वो किसान विरोधी कार्य कैसे कर सकती है कोंग्रेस का विरोध केवल दिखाने के लिए हो रहा है और उन्हें आज से ही लगने लगा है कि 2024 में भी सत्ता उनके हाथ नही आने वाली, एमएसपी जैसे मुद्दे पर कोंग्रेस किसानों को बरगला रही है जबकि बिल(agricultural bill) का न्यूनतम समर्थन मूल्य से कोई लेना-देना नहीं है।
कहा कि जो एमएसपी दिया जा रहा है और भविष्य में दिया जाता रहेगा। मंडी सिस्टम में भी कोई बदलाव नही होने वाला जैसा सिस्टम है वो ही रहेगा बस किसान बिल से किसानों को आजादी मिलती है। अब किसान अपनी फसल किसी को भी, कहीं भी बेच सकते हैं। इससे ‘वन नेशन वन मार्केट’ स्थापित होगा। बड़ी फूड प्रोसेसिंग कंपनियों के साथ पार्टनरशिप करके किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे। किसान अब अपनी फसल उगाने से पहले ही बेच सकेंगे जिससे किसानों को ये फायदा होगा कि उन्हें अपनी फसल फेंकनी या जलानी नही पड़ेगी और इस बिल(agricultural bill) में साफ कहा गया है कि किसानों की जमीन की बिक्री, लीज और गिरवी रखना पूरी तरह प्रतिबंधित है। समझौता फसलों का होगा, जमीन का नहीं। कई राज्यों में बड़े कॉर्पोरेशंस के साथ मिलकर किसान गन्ना, चाय और कॉफी जैसी फसल उगा रहे हैं। अब छोटे किसानों को ज्यादा फायदा मिलेगा और उन्हें तकनीक और पक्के मुनाफे का भरोसा मिलेगा। लेकिन कोंग्रेस और सारे विपक्षी दल किसानों को गलत दिशा की और ले जा रहे जो सही नही है|
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