उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के समय को लेकर इस समय काफी हंगामा हो रहा है। भीषण गर्मी के चलते शिक्षक पूरे प्रदेश में समय के बदलाव की मांग कर रहे हैं। जिलाधिकारियों और बीएसए ने निर्देश जारी कर दिए हैं, जिससे विभिन्न जिलों में समय में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के समय को लेकर घमासान बचा हुआ है। प्रदेश के कुछ जिले में बीएसए समय में बदलाव कर दिया तो बेसिक शिक्षा निदेशक ने रद्द करने का आदेश कर दिया। इसके बावजूद लगातार कई जिलों में समय में बदलाव कर पढ़ाई के घंटे कम करने को कहा जा रहा है। वहीं ज्यादातर जिलों में अभी 2:00 तक स्कूल खुले हुए हैं। ऐसे में शिक्षक लगातार दबाव बना रहे हैं कि भीषण गर्मी को देखते हुए पूरे प्रदेश में स्कूल का समय बदल दिया जाए।
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल 8 से 12 बजे तक खुले हुए हैं। स्कूल 20 में तक खुले रहेंगे। इधर तापमान भी 40 डिग्री के पार होता जा रहा है बेसिक शिक्षा परिषद के कई स्कूलों में पंखे भी नहीं है और जहां है भी वहां कनेक्शन कटा हुआ है। बिजली की कटौती भी खूब हो रही है। इस बारे में बाराबंकी के शिक्षक निर्भय सिंह का कहना है कि 2:00 तक स्कूल के कमरे तपने लगता हैं और बच्चे पसीने से बेहाल हो जाते हैं। ऐसे में हालात को देखते हुए जिलों के बीएसए ने समय बदलकर 7:30 से 12:30 कर दिया था। पर बेसिक शिक्षा निदेशक ने यह आदेश रद्द कर दिए। पूरे प्रदेश में एक ही समय रहना चाहिए। अब पूरे प्रदेश में स्कूल 8 से 2:00 बजे तक ही खुले हैं।
इसके बाद भी बढ़ती गर्मी और शिक्षकों के बढ़ते दबाव को देखते हुए मऊ, हाथरस, आजमगढ़ और देवरिया सहित कई जिलों में स्कूलों का समय बदलकर 7:30 कर दिया गया है। कई जगह डीएम ने आदेश किए हैं। वहीं कुछ जिलों में डीएम के आदेश का हवाला देते हुए बीएसए ने निर्देश दिए हैं। इस बारे में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन ने लखनऊ में डीएम और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर समय 7:30 से 12:30 किए जाने की मांग की है।
प्रदेश भर में बदला जाए समय
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक संगठन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि पूरे प्रदेश में भयंकर गर्मी पड़ रही है। शासन को ही प्रदेश में समय बदल देना चाहिए। यूपी बोर्ड ने इंटर कॉलेज का समय कम कर दिया है। बेसिक स्कूलों में तो और छोटे बच्चे होते हैं। लगता है अधिकारी किसी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं।