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आखिर बगैर संसाधनों के कोरोना महामारी(Epidemic) से कैसे निपटेंगे प्रधान(pradhaan), समस्याओं के निराकरण की उठाई मांग, सौंपा ज्ञापन

UTTRA NEWS DESK
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अल्मोड़ा, 16 मई 2020
वैश्विक महामारी (Epidemic) कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. भारत में भी कोरोना वायरस काफी तेजी से फैल रहा है. इस संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा घोषित देशव्यापी लॉक डाउन (Lock Down) के चलते प्रवासियों का अपने घरों को लौटने का सिलसिला शुरू हो चुका है. ऐसे में सरकार ने देश के विभिन्न प्रांतों से वापस घर को लौट रहे प्रवासियों की पंचायत स्तर की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों को सौंपी है. लेकिन बिना संसाधनों के इस महामारी (Epidemic)
से कैसे निपटेंगे इसकी ​चिंता प्रधानों को सता रही है.

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ग्राम प्रधान संगठन, सोमेश्वर के अध्यक्ष रणजीत सिंह नयाल व महासचिव कैलाश जोशी के नेतृत्व में सभी पदाधिकारी शनिवार को एसडीएम कार्यालय पहुंचे. जहां नायब तहसीलदार निशा रानी को ज्ञापन सौंपा.

एसडीएम के नाम भेजे गए ज्ञापन में सदस्यों ने कहा कि सरकार व प्रशासन की ओर से प्रवासियों की क्वारंटीन की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों को दी गई है और प्रवासियों को गांवों में आने का सिलसिला शुरू हो गया है लेकिन आवश्यक संसाधनों से प्रधानों को महरूम रखा गया है.

प्रधानों ने कहा कि सरकार ने बिना जमीनी हकीकत के होम क्वारंटाइन (Home quarantine) के आदेश देकर महामारी (Epidemic) को बढ़ने का रास्ता खोल दिया है. गांवों में अधिकांश घर एक या दो कमरों के हैं. जिनमें होम क्वारंटाइन के नियमों का पालन नहीं हो सकता. इसके अलावा प्रवासियों की निगरानी 24 घंटे प्रधानों द्वारा करना संभव नहीं है. ऐसी स्थि​ति में संस्थागत क्वारंटीन (Institutional quarantine) के लिए पंचायत घर, स्कूल व स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्था कराई जाए.

इसके अलावा इस महामारी (Epidemic) से निपटने के लिए प्रधानों ने ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों, राजस्व उप निरीक्षकों, एनएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम प्रहरियों को उन्हें सहयोग दिए जाने के लिए निर्देशित करने, पर्याप्त मात्रा में सेनिटाइजर, मास्क और जरूरत की अन्य सामग्री उपलब्ध कराने, प्रवासियों के क्वारंटीन की व्यवस्था व संबंधित कार्य हेतु आकस्मिक व आपदा निधि उपलब्ध कराएं जाने तथा प्रत्येक गांव में तथा ग्राम प्रधानों को भी बीमा योजना के अंतर्गत लाभान्वित करने के लिए कार्रवाई की मांग शासन प्रशासन से की है.

प्रधानों ने कहा कि वर्तमान स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए शासन प्रशासन का सहयोग करना उनका नैतिक व सामाजिक कर्तव्य है जिसके लिए सभी प्रधान सदैव खड़े है. उन्होंने समस्याओं के शीघ्र निस्तारण की मांग की ताकि वह अपनी जिम्मेदारियों का बेहतर ढंग से निवर्हन कर सकें.