हादसा ( Accident) अथवा साजिश आखिर किस बात का शिकार हुआ काशीपुर के कुंडेश्वरी का आमिर?

मयंक मैनाली कुंडेश्वरी/काशीपुर। हादसे ( Accident) में काशीपुर के कुंडेश्वरी के रहने वाले एक जिंदादिल युवा आमिर की अचानक मौत हो जाती है। परिजनों का…

amir ki accident me hyi death ya hatya

मयंक मैनाली

कुंडेश्वरी/काशीपुर। हादसे ( Accident) में काशीपुर के कुंडेश्वरी के रहने वाले एक जिंदादिल युवा आमिर की अचानक मौत हो जाती है। परिजनों का स्पष्ट आरोप है कि युवक की हत्या की गई है, युवक मौत से ठीक पहले घायल अवस्था में प्रशासनिक हैल्पलाइन 108 पर मदद की गुहार लगाता है, उसके लगभग आधे घंटे बाद वह अपने परिजनों को फोन करता है। लेकिन प्रशासन की कोई मदद मिलने से पहले युवक की मौत हो जाती है।

हैल्पलाइन 108 पर की गई काॅल रिकार्डिंग से साफ होता है, कि युवक को बचाया जा सकता था, उसकी मदद की जा सकती थी। युवक रिकार्डिंग में कई बातें कहता नजर आ रहा है, मदद की गुहार लगा रहा है। लेकिन अलसुबह परिजनों को युवक की कराहने और फिर मौत की खबर मिलती है। एक घर का जवां चिराग बुझ जाता है। यहां कई सवाल हैं, जिनके जवाब ढूंढना कोई मुश्किल काम नहीं है। लेकिन काशीपुर और उधम सिंह नगर जिले की पुलिस की कार्यप्रणाली को देखकर लगता है, कि पुलिस मामले की लीपापोती में जुटी हुई है।

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प्रशासन की मंशा साफ होती नहीं दिख रही है। ऐसा लगता है कि पुलिस किसी दवाब में काम कर रही है। घटना 14 फरवरी 2020 की सुबह लगभग साढे तीन बजे के आस-पास की है। काशीपुर के कुंडेश्वरी के रहने वाले हनीफ सलमानी काशीपुर शहर के चीमा चैराहे के पास एक माॅल में अपना सैलून का कारोबार चलाते हैं। उनका मंझला बेटा आमिर उर्फ हनी (21) उनके साथ सैलून में उनका कारोबार चलाने में मदद करता था।

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परिजनों का कहना है कि बृहस्पतिवार को आमिर अपने बेटे के साथ रिश्तेदारी में रामपुर गए थे। उसी दिन दोनों रात को काशीपुर लौट आए। हनीफ उसके बाद काशीपुर में अपनी दुकान पर रूक गए, उन्होंने अपने बेटे हनी को वापिस घर भेज दिया। हनी बाइक से घर चला गया, लेकिन बाइक घर पर खडी कर हनी अचानक कहीं चला गया।

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परिजनों ने सोचा कि हनी अपने मित्रों के साथ हैं, जल्द घर लौट आएगा। लेकिन यही रात हनी के जीवन की आखिरी रात बन गई। हनी के पिता हनीफ सलमानी का कहना है कि शुक्रवार 14 फरवरी की सुबह लगभग 04 बजे उनके मोबाइल पर उनके बेटे का फोन आया। जिसमें वह कराहते हुए कह रहा था कि मुझे बचा लो। सब लोग मुझे छोडकर चले गए हैं। यहां सबसे पहले हनी ने हैल्पलाइन 108 पर फोन किया है, जो लगभग 3 बजकर 30 मिनट पर किया गया है। इसमें भी हनी को खुद को बचाने की बात कहते हुए उसके ऊपर कुछ लडकों के द्वारा दीवार गिराने की बात कही है। लेकिन 108 की मदद उस तक नहीं पहुंच सकी। इसके बाद सुबह 04 बजे परिजनों को फोन जाने के बाद परिजन दौडतें हुए उसे बचाने मेहतावन कोसी नदी किनारे में जहां राजीव गोयल नाम के एक व्यक्ति का खनन पटटा है, उसे बचाने गए। परिजनों का कहना है कि उसी दौरान उन्होंनेे घायल हनी को उसके एक मित्र गुरूमीत जो कि उसी खनन क्षेत्र के पास का निवासी है, उसे हनी को अस्पताल लाते देखा। काशीपुर के कृष्णा अस्पताल में पहुंचे घायल हनी की कुछ देर बाद मौत हो चुकी थी। घटनास्थल का मुआयना कर चुकी, पुलिस पोस्टमार्टम रिर्पोट मिलने के बाद भी कुछ कहने और कार्यवाही करने से बच रही है। पुलिस की लचर कार्यप्रणाली कई सवाल खडें करती है। पुलिस की कार्यप्रणाली से लगता है, कि कहीं इतनी लचर शैली किसी को बचाने अथवा किसी दवाब में तो नहीं अपनाई जा रही है।

इस पूरी कहानी में हैं, कई पेंच

इस पूरी कहानी में कई पेंच हैं, दरअसल आमिर और गुरूमीत की घनिष्ठ मित्रता थी। उस दिन पूरी रात गुरूमीत और आमिर उर्फ हनी एक साथ थे। ऐसा खुद गुरूमीत का पूरी पडताल के दौरान हमसे कहना है। इसलिए पूरी कहानी में शक गहराने के कई पर्याप्त कारण हैं। आमिर के परिजनों ने गुरूमीत को ही सुबह अस्पताल लाते हुए देखा। ऐसे में जब अलसुबह लगभग 03 बजकर 30 मिनट के आसपास आमिर उर्फ हनी ने 108 पर फोन किया तो उसने अकेले होने की बात कही है, जो कि रिकार्डिंग में दर्ज है।

उसके बाद उसने लगभग 04 बजे अपने पिता को भी अपने अकेले होने और कराहते हुए बचाने की बात कही है। ऐसे में पूरी कहानी कहीं से भी गले नहीं उतरती कि आमिर उर्फ हनी के साथ कोई अनहोनी की योजना पहले से रची नहीं गई हो, अथवा हनी के साथ हुई घटना कोई हादसा थी। यह भी संभव है, कि वहां इन दोनों के अलावा अन्य लोग भी मौजूद थे। क्योंकि परिजनों के अनुसार आमिर उर्फ हनी एक बडे अच्छे डील डौल का था। उसकी लंबाई लगभग छह फीट से अधिक थी। ऐसे में उसके घायल होने पर उसे अकेले उठाना संभव नहीं है। यह भी संभव है, कि वहां कुछ अन्य लोग वहां पहले से मौजूद रहे हों, अथवा घटना के दौरान मौजूद हों, ऐसा परिजनों की भी आशंका है।

फिर सामने आई 108 सेवा की खामी

इस पूरे मामले में घायल युवक आमिर उर्फ हनी ने सबसे पहले 108 सेवा को फोन कर खुद के ऊपर दीवार गिरे होने की जानकारी दी थी। लेकिन 108 सेवा घायल युवक तक नहीं पहुंच सकी। वहीं यह काल पहले मुख्यालय देहरादून और उसके बाद संबधित क्षेत्र में ट्रांसफर हुई है। जिसमें बहुत समय लग गया है। लगभग सुबह 3 बजकर 30 मिनट के आसपास 108 सेवा को की गई काल के दौरान आमिर के फोन की रिकार्डिंग से साफ होता है कि 108 के कर्मियों और सिस्टम ने आमिर उर्फ हनी की बात को गंभीरता से नहीं लिया। जिसमें आमिर उर्फ हनी ने खुद 108 के आपरेटर को फोन पर लोकेशन टेªस करने तक की बात कही है। उसने साफ कहा है कि वह फोन अटैंड करने की स्थिति में तक नहीं है। ऐसे में 108 सेवा भी कहीं न कहीं कटघरे में आती है। इस रिकार्डिंग में आमिर कहता दिख रहा है, कि लडकों ने उस पर दीवार गिरा दी है, यदि आपरेटर चाहते तो दीवार गिराने वालों के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकते थे। जो कि इस घटनाक्रम में एक अहम कडी साबित हो सकती थी।

आमिर की मौत हादसा ( Accident) है अथवा साजिश

कुंडेश्वरी क्षेत्र के कोसी नदी क्षेत्र में मेहतावन में राजीव गोयल नामक व्यक्ति का खनन पटटा था। यहीं पर एक धर्मकांटा भी हैं, जहां इसे आसपास के लोगों का कहना है कि तोडने का जिम्मा कुडेश्वरी के युवक गुरूमीत ने ठेके पर लिया था। गुरूमीत का मित्र आमिर उर्फ हनी उसके साथ उक्त स्थल पर 13 फरवरी की रात को था। यह वह जगह है जहां हनी ने खुद पर दीवार गिरने की बात 108 सेवा तथा अपने पिता को सुबह फोन कर कही है। इसमें उसने खुद के अकेले होने की बात भी वह कराहते हुए कह रहा है। मृतक के पिता का आरोप है कि ठेकेदार गुरूमीत उन्हें बार-बार बयान बदलते हुए गुमराह करता रहा। वहीं उन्होंने अपने पुत्र के इतनी मामूली चोट में मौत की बात नकारते हुए किसी साजिश का संदेह जताया है। वहीं हनी को जानने वाले लोगों का कहना है कि हनी एक मजबूत शरीर और अच्छी लंबाई का युवक था, ऐसे में उसकी मौत की बात गले नहीं उतरती।

मृतक हनी ​के पिता हनीफ सुलेमानी ने कहा कि मेरे बेटे की मौत इतनी मामूली चोट से संभव नहीं है। हमें इसमें संदेह है। मामले की तहरीर पुलिस को दे दी गई है। पुलिस अगर निष्पक्ष और जल्द जांच करें तो मामले का खुलासा जल्द किया जा सकता है। उस दिन सुबह बेटे का फोन आया था, उसने कराहते हुए स्वयं पर दीवार गिरे होने की बात कही है। यह रिकार्डिंग में भी दर्ज है।

मृतक के भाई शाकिब के अनुसार उसका भाई खुशमिजाज स्वभाव का था। वह एक अच्छा इंसान था। उसकी मौत स्वभाविक नहीं है। उसने उस दिन 108 सेवा और मेंरे पिता को मदद के लिए फोन किया था। जिसमें उसने अपने ऊपर दीवार गिरने की बात कही है। मामले का खुलासा होना चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।

वही घटना के समय मृतक के साथ रहे गुरमीत ने बताया कि वह और हनी उस दिन साथ थे, लेबर काम कर रहे थे, अचानक दीवार भरभरा कर गिर गई। मैं गाडी लेने चला गया, मैंने ही उसे अस्पताल में भर्ती कराया था।

चौकी प्रभारी, कुंडेश्वरी पंकज कुमार से पूछे जाने पर उन्होने बताया कि इस संबध में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच बाजपुर में चल रही है, पांच तारीख के उन्होने इस सबंध में जानकारी दिये जाने की बात कही है।

एएसपी काशीपुर राजेश भट्ट ने बताया कि मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच चल रही है। मामले की जांच बाजपुर में की जा रही है। उन्होने जल्द खुलासा किया जाने की बात कही

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