Accident: A part of the tunnel under construction in Uttarkashi broke, many workers trapped
उत्तरकाशी, 12 नवंबर 2023- ब्राह्मखाल – यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन टनल के एक हिस्से के क्षतिग्रस्त होने से कई मजदूर फंसे हुए हैं।
टनल के अंदर बचाव एवं राहत कार्य चल रहा है।एसडीआरएफ और एनडीआरएफ बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
देर रात टनल टूटने से दर्जनों मजदूर टनल के अंदर फंसे होने की आशंका है। घटना के सूचना मिलते ही जिला मुख्यालय से राहत और बचाव दलों को दुर्घटना स्थल के लिए भेज दिया गया है
इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्वरित और तेज रेस्क्यू अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा है कि “उत्तरकाशी में सिलक्यारा-डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन टनल के एक हिस्से के टूटने का समाचार प्राप्त हुआ है।
सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकालने हेतु एसडीआरएफ़, एनडीआरएफ़ एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन की टीमों द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है,इस विषय में जिलाधिकारी से बात कर रेस्क्यू मिशन को तेज करने का निर्देश दिया है।स्वयं भी रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहा हूँ।ईश्वर से टनल में फँसे सभी कर्मचारियों के सकुशल बाहर निकलने की कामना करता हूँ।”
जिलाधिकारी ने कहा की सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है।इसके लिए राहत और बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर संचालित किया जा रहा है।
प्रशासन के द्वारा विभिन्न राहत और बचाव एजेंसियों और तकनीकी संगठनों तथा एनएचआईडीसीएल का सहयोग लेकर के बचाव अभियान संचालित किया जा रहा है।सिल्कियारा में निर्माणाधीन टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान तेजी से जारी है फंसे हुए मजदूर तक पानी के लिए बिछाए गए पाइप के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है।
सुरंग से मलवा हटाने और फंसे मजदूरों को निकालने के लिए एस्केप पैसेज बनाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह, उप जिलाधिकारी डुंडा बृजेश कुमार तिवारी,उप जिलधिकारी बड़कोट मुकेश चंद रमोला घटना स्थल पर मौजूद हैं।
जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने जिले के सभी अधिकारियों के छुट्टियां रद्द करते हुए उन्हें तत्काल अपने-अपने कार्य स्थल पर रिपोर्ट करने औऱ राहत एवं बचाव कार्यों के लिए चौबीसों घंटे तत्पर रहने के निर्देश दिए हैं।