पिथौरागढ़ में युवाओं में पढ़ने की आदत विकसित कर रहा आरंभ स्टडी सर्कल

पिथौरागढ़। आरंभ स्टडी सर्कल की ओर से पिथौरागढ के टकाना रामलीला मैदान में जुलाई माह की पुस्तक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस 34वीं बुक…

Aarambh Study Circle is developing the habit of reading among youth in Pithoragarh

पिथौरागढ़। आरंभ स्टडी सर्कल की ओर से पिथौरागढ के टकाना रामलीला मैदान में जुलाई माह की पुस्तक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस 34वीं बुक मीट में पाठकों की अच्छी भागीदारी देखने को मिली। इनमें कॉलेज पढ़ रहे विद्यार्थी, स्कूली छात्र, प्रोफेसर, शिक्षक व शोधार्थी समेत कर्मचारी और व्यापारी वर्ग से भी पाठक शामिल रहे।


इस मौके पर वक्ताओं ने भारतीय और विदेशी भाषाओं में लिखे गए अनूदित उपन्यासों, कहानी संग्रह, आत्मकथाओं, शिक्षा से जुड़ी पुस्तक, बाल साहित्य, यात्रा वृत्तांत, नॉन फिक्शन, पत्रिका के विशेषांकों एवं विज्ञान से जुड़ी किताबों पर बात रखी।


आयोजन में 25 से अधिक किताबों पर बात हुई। इनमें मलयालम भाषी लेखक बेन्यामिन की किताब‘बॉडी एंड ब्लड’, हारुकी मुराकामी की ‘काफ्का ऑन द शोर, कमलेश्वर की‘कितने पाकिस्तान, ओमप्रकाश वाल्मीकि की‘जूठन’, प्रकृति करगेती की‘ठहरे हुए से लोग’, हिमांशु जोशी की‘कगार की आग’, ‘छाया मत छूना मन, ‘तुम्हारे लिए’, गिजुभाई बधेका की ‘दिवास्वप्न’, सत्यु की ‘अनारको के आठ दिन, विनीता अस्थाना की’बेहया’, ब्रूस चैट्विन की ‘इन पैटागोनिया’, राहुल सांकृत्यायन की ‘घुमक्कड़ शास्त्र’, सुचित्रा विजयन की ’मिडनाइट बॉर्डर्स: अ पीपल्स हिस्ट्री ऑफ मॉडर्न इंडिया, प्रीति शेनॉय की ’लाइफ इस व्हाट यू मेक इट, बनास जन के विशेषांक और एएस नील की‘समरहिल’आदि शामिल रही।

आरंभ के दीपक ने बताया कि इस नियमित आयोजन में हर बार नए लोग जुड़ रहे हैं। यह उत्साहजनक है। पिछले 6 साल में इसने युवाओं में पढ़ने की आदत विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

कार्यक्रम का संचालन अभिषेक ने किया। आयोजन में निर्मल, गार्गी पाठक, भूमिका पांडे, शीतल महर, एकता, अनुष्का, निकिता, शेफाली, अंकिता, पूजा तिवारी, कृष्ण नगरकोटी, दीपिका, अमीषा, अक्लेशा खाती, निखिल, अर्शा, परमेश, दीपक, गणेश, योगेश, लोकेश, दिनेश, दक्ष, कौशल, गोविंद, मेघा, रजत, एकता, शीतल, मोहित, महेंद्र, गिरीश पांडेय, शीला पुनेठा, डॉ. दीपक कुमार, चिंतामणि जोशी, महेश पुनेठा, रमेश जोशी, बासु पांडे आदि मौजूद थे। आयोजन के अंत में पाठकों ने आपस में किताबों की अदला बदली करते हुए और बुक क्लब की किताबों में से अपने पढ़ने के लिए पुस्तकों का चयन किया।