वनाग्नि प्रबंधन को जानने रामनगर वन प्रभाग से 44 सदस्यों का दल पहुंचा शीतलाखेत

. अल्मोड़ा:: वनाग्नि प्रबंधन के स्याहीदेवी-शीतलाखेत मॉडल के अध्ययन हेतु रामनगर वन प्रभाग से 44 सदस्यों का दल कल शीतलाखेत पहुंचा।दल का नेतृत्व वन क्षेत्राधिकारी…

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अल्मोड़ा:: वनाग्नि प्रबंधन के स्याहीदेवी-शीतलाखेत मॉडल के अध्ययन हेतु रामनगर वन प्रभाग से 44 सदस्यों का दल कल शीतलाखेत पहुंचा।
दल का नेतृत्व वन क्षेत्राधिकारी निर्मल कुमार पांडे शंकर दत्त पांडेय, अतिरिक्त भूमि संरक्षण वन प्रभाग, रामनगर कर रहे हैं.भ्रमण दल में वन कर्मी तथा सरपंच शामिल हुए।
महिला मंगल दल सल्ला रौतेला और महिला मंगल दल भाकङ की महिलाओं ने भ्रमण दल का स्वागत किया।
वनाग्नि प्रबंधन के अध्ययन के पहले चरण में दल को वन विभाग और जनता के परस्पर सहयोग और तालमेल से पिछले 12 सालों से वनाग्नि से सुरक्षित रखे गए आरक्षित वन क्षेत्र का भ्रमण कराया गया. दल को बताया गया कि चीड़ की पत्तियो के कारण जंगलों में आग नहीं लगती है वरन शत प्रतिशत मामलों में मानवीय लापरवाही से जंगलों में आग आरम्भ होती है।
उप वन क्षेत्राधिकारी हेम चंद्र और जंगल के दोस्त समिति के सदस्य नरेंद्र सिंह बिष्ट द्वारा बिना पौधरोपण के जंगल विकसित करने की एएनआर पद्धति, वर्षा जल को भूजल में बदलने में बायोमास की भूमिका, आग को अनियंत्रित होने से रोकने में फायर पट्टी की उपयोगिता की जानकारी दी।
दूसरे सत्र में जंगल के दोस्त समिति के सलाहकार गजेंद्र पाठक द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्याहीदेवी-शीतलाखेत मॉडल की जानकारी दी। दल को बताया गया कि प्राकृतिक जल स्रोतों नौले, धारे, गाङ, गधेरों के सूखने, मानव वन्य जीव संघर्ष में लगातार वृद्धि होने तथा क्षेत्र के तापमान में वृद्धि होने का मुख्य कारण जंगलों की आग है। स्याहीदेवी-शीतलाखेत आरक्षित वन क्षेत्र में जनता और वन विभाग के परस्पर सहयोग से वनाग्नि प्रबंधन किया जाता है जिसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं। दल को यह भी बताया गया कि स्याहीदेवी-शीतलाखेत क्षेत्र के दर्जनों गांवों में 31 मार्च से पूर्व ओण जलाने की कार्रवाई सुरक्षित रूप से समाप्त कर दी जाती है जिस कारण इस क्षेत्र में आग लगने की घटनाओं में कमी आई है।
स्याही देवी विकास मंच शीतलाखेत के सचिव गणेश पाठक ने प्लास्टिक कूड़े के प्रबंधन की जानकरी दी।
पूरे कार्यक्रम में भाकङ के सरपंच इन्द्र सिंह, महिला मंगल दल भाकङ की अध्यक्षा प्रेमा मनराल, मंजू देवी, प्रेमा परिहार, पुष्पा पाठक, भावना पाठक, कविता परिहार, देवेन्द्र प्रसाद, राजेन्द्र सिंह, दीवान सिंह, कुमारी कविता मेहता, प्रकाश चंद्र टम्टा, हेम पाठक, पंकज पाठक आदि उपस्थित थे।

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