उत्तराखंड में बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए मुख्य सचिव को भेजा गया पत्र, सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट पेश करने का दिया आदेश

उत्तराखंड में बढ़ रही सड़क दुर्घटना का संज्ञान स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने अब लिया है और इसके विस्तृत कारण की जांच करने के लिए अब…

A letter was sent to the Chief Secretary in view of the increasing road accidents in Uttarakhand, the Supreme Court ordered to submit a report

उत्तराखंड में बढ़ रही सड़क दुर्घटना का संज्ञान स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने अब लिया है और इसके विस्तृत कारण की जांच करने के लिए अब रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट कमेटी रोड सेफ्टी के सचिव संजय मित्तल ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को एक पत्र भेजा जिसमें उन्होंने दुर्घटनाओं के सभी कारण और दुर्घटना पर नियंत्रण रखने के लिए उठाए गए कदम के विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और यह रिपोर्ट 15 दिसंबर तक उपलब्ध कराने को कहा है।

कमेटी ने देहरादून के ओएनजीसी चौक पर इनोवा कार दुर्घटना में 6 युवाओं की मृत्यु और अल्मोड़ा में बस दुर्घटना में 38 यात्रियों की मौत के बाद यह संज्ञान लिया है। प्रदेश में वाहनों की तेज गति ओवरलोडिंग व प्रवर्तन एजेंसियों की चेकिंग मे लापरवाही के कारण हो रही दुर्घटनाओं पर भी कमेटी ने चिंता जताई है।

सुप्रीम कोर्ट ने शासन से मांगा जवाब

जस्टिस अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट कमेटी रोड सेफ्टी के सचिव संजय मित्तल के पत्र में कमेटी ने 11 नवंबर देर रात 2:00 बजे देहरादून में ओएनजीसी चौक पर भी दुर्घटना का मुख्य कारण प्रवर्तन एजेंसियों की रात्रि में वहां की सही से चेकिंग ना करना माना जा रहा है। कमेटी ने जवाब मांगते हुए कहा है कि शासन की ओर से इस लापरवाही पर कार्यवाही की जाएगी।

बता दें कि, दुर्घटना वाली रात जाखन-मसूरी रोड से पार्टी कर लौट रहे सात युवाओं की बिना पंजीयन नंबर की इनोवा हाइक्रास कार बेलगाम गति से शहर में पुलिस के पांच बैरियर से गुजरती हुई 10 किमी दूर ओएनजीसी चौक तक पहुंच गई, लेकिन कहीं भी यह कार चेकिंग के लिए नहीं रोकी गई। एक बीएमडब्ल्यू कार को ओवरटेक करने के प्रयास में दौड़ रही यह कार एक कंटेनर से टकराकर पेड़ में जा घुसी थी।

इस भयानक सड़क दुर्घटना में कार सवार दो युवाओं के सिर भी धड़ से अलग हो गए जबकि शेष के शव बेहद बुरी हालत में मिले। सभी युवा 20 से 24 वर्ष के बीच में थे जिनके साथ तीन युवतियां भी शामिल थी। इस सड़क दुर्घटना में एक युवक जीवित है जिसका उपचार अभी भी चल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट की कमेटी का पत्र मिलने के बाद मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में सचिव परिवहन बृजेश संत को निर्धारित समय में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट कमेटी आन रोड सेफ्टी ने अल्मोड़ा के मार्चुला में हुई बस दुर्घटना पर भी सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

4 नवंबर की सुबह ओवरलोड बस खाई में गिरने से 38 यात्रियों की मृत्यु हो गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना के बाद दो आरटीओ को निलंबित भी कर दिया। आपको बता दे कि उपरोक्त दोनों दुर्घटनाओं में शासन स्तर पर पहले से जांच चल रही है लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष सामने नहीं आया है।