मेधावी छात्राओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना को 400 करोड़ का बजट मंजूर , देखिए

उत्तर प्रदेश सरकार ने बजट 2025 में मेधावी छात्राओं के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना के लिए 400…

A budget of Rs 400 crore has been approved for Rani Laxmibai Scooty Yojana for meritorious girl students

उत्तर प्रदेश सरकार ने बजट 2025 में मेधावी छात्राओं के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना के लिए 400 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है, जिससे हजारों छात्राओं को लाभ मिलेगा। यह योजना पहली बार 2022 में शुरू की गई थी और इसे आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इसे और अधिक प्रभावी बनाने का निर्णय लिया है। इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहीं छात्राओं को सुविधा देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है, खासकर वे छात्राएं जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है।

20 फरवरी को पेश किए गए बजट में राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इस योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार उन छात्राओं को सहायता देना चाहती है जो अपने दम पर पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं लेकिन परिवहन की समस्या के कारण कठिनाइयों का सामना कर रही हैं। योजना के तहत उन छात्राओं को स्कूटी प्रदान की जाएगी जिन्होंने 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए हैं और आगे ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हैं।

इस योजना का लाभ लेने के लिए छात्रा का उत्तर प्रदेश की स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। साथ ही, केवल उन्हीं छात्राओं को इसमें शामिल किया जाएगा जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं है। सरकार के अनुसार, इस योजना से छात्राओं की शिक्षा में रुचि बढ़ेगी और वे बिना किसी रुकावट के अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगी।

योजना के तहत आवेदन करने के लिए छात्राओं को आधिकारिक पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। आवेदन के दौरान आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, आयु प्रमाण पत्र, 10वीं और 12वीं की मार्कशीट, बैंक अकाउंट डिटेल्स जैसे दस्तावेज जमा करने होंगे। आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार द्वारा डाटा वेरिफिकेशन किया जाएगा और इसके बाद मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। जिन छात्राओं का नाम इस सूची में आएगा, उन्हें राज्य सरकार की ओर से फ्री स्कूटी प्रदान की जाएगी।

राज्य सरकार की इस पहल से छात्राओं को पढ़ाई के लिए अधिक प्रोत्साहन मिलेगा और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी। इससे न केवल उनकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा बल्कि राज्य में महिला सशक्तिकरण को भी मजबूती मिलेगी।

Leave a Reply