पर्यावरण संस्थान अल्मोड़ा (GB Pant institute almora) ने करवाया वन हल्दी का वृहत रोपन

GB Pant institute almora planted van haldi अल्मोड़ा। गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान अल्मोडा (GB Pant institute almora) के विविधता संरक्षण केन्द्र द्वारा…

GB Pant institute almora

GB Pant institute almora planted van haldi

अल्मोड़ा। गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान अल्मोडा (GB Pant institute almora) के विविधता संरक्षण केन्द्र द्वारा ‘सतत विकास योजना हेतु हिमालयी जैव विविधता को मुख्य धारा से जोडना’ योजना के अर्न्तगत 7 कुन्टल वन हल्दी का रोपन स्थानीय कृषको के सहयोग से ग्राम बामडीगाड ब्लाक ताकुला की 60 नाली बंजर भूमि में किया गया तथा जनता को औषधीय पौधों का महत्व बताया।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए डा0 सुबोध ऐरी ने संस्थान द्वारा हिमालयी क्षेत्र में किये जा रहे शोध कार्यों आजिविका वृध्दि हेतु योजनाओं, प्राकतिक संसाधनो के बचाव आदि पर प्रकाश डाला। (GB Pant institute almora)

IMG 20210113 WA0002

इसी क्रम में डॉ0 आई0 डी0 भट्ट, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं परियोजना समन्वयक ने वन हल्दी कपूर-कचरी के वृहत कृषिकरण हेतु स्थानीय कृषिको के सहयोग को धन्यवाद दिया। उन्होने बताया कि हमारा हिमालयी भू क्षेत्र प्राचीनकाल से विभिन्न औषधिय पादपो का भण्डार रहा है। जिनका उपयोग पांरम्परिक एंव आधुनिक चिकित्सा प्रणाली हर्बल पेय पदार्थो, दवा निर्माण आदि मे कोरोना महामारी के दौरान बडने लगा है। वर्तमान समय में दिन प्रतिदिन इन औषधि पादपो की मात्रा में बढोत्तरी हो रही है एंव बाजार मॉंग को परिपूर्ण करना एक चुनौती बन चुकी है। जिसके फलस्वरूप विभिन्न औषधीय पादपो पर मानवजाति दबाव बढने लगा है एवं कुछ पादप तो विलुप्ल एंव संकटग्रस्त स्थिति तक पहुच चुकें है। अतः उच्च गुणवत्ता वाले पादपो के कृषिकरण एंव वृहत उत्पादन द्वारा बाजार मांग को पूर्ण करते हुए स्थनीय समुदाय के लिए रोजगार एंव आर्थिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। (GB Pant institute almora)

कार्यशाला में भुवन चन्द्र गडिया, प्रतिनिधि सुरकुण्डा जड़ी बुटी समूह बागेश्वर द्वारा कृषको को समूह निर्माण द्वारा जड़ी बुटी की खेती करने हेतु प्रेरित किया। साथ ही उन्होनें जडी बुटी के कृषि कार्य हेतु तकनीकी ज्ञान जैसे कि खैत तैयार करना, बीज रोपन, बीज संग्रहण आदि की जानकारी प्रदान की। उन्होने तैयार भूमि में कृषको को कपूर कचरी लगाने की विधि देते हुए बताया कि कपूर कचरी को कच्चा मूल्य 25-30 रू प्रतिकिलो एंव चिप्स निर्माता द्वारा 70-80रू प्रतिकिलो की दर से बाजार एवं दवा कम्पनियों द्वारा खरीदा जाता है। (GB Pant institute almora)


कार्यशाला डॉ0 के0 सी0 चन्द्रशेखर वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि उत्तराखण्ड में एच0 आर0 डी0 आई0 गोपेश्वर द्वारा जडी बुटी उत्पादन करने वाले कृषिकों का पंजीकरण किया जाता है। जिसके फलस्वरूप कृषक सरकारी मानकों को पूर्ण करते हुए मंडियां में उत्पादित माल को बेच सकते हैं इस प्रकार की पहल के तहत संस्थान सदैव तकनीकी ज्ञान, उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता कर रहा है। साथ ही इस कोरोना महामारी के दौर में यह प्रयास स्थानीय नौजवानो को रोजगार का विकल्प प्रदान करेगा।


प्रगतिशील कास्तकार जगत सिंह खोलिया ने संस्थान के प्रयास की सराहना करते हुए समस्त ग्रामवासियो को समूह में जुड कर कपूर कचरी के वृहद उत्पादन हेतु अनुरोध किया। उन्होनें बताया कि यह प्रयास हमारे क्षेत्र की प्रगति मे सहायक सिद्ध होगाा। नीमा जोशी ग्राम प्रधान ने बताया कि इस प्रयास को पूर्ण क्षेत्र मे फैलाया जायेगा एंव मनरेगा योजना की सहायता से अन्य बंजर भूमि को पुनः उपजाव हेतु तैयार करवाया जायेगा। अभी गोपाल दत्त खोलिया एंव जगत खोलिया की पहल पर छः लोगो का समूह संस्थान के इस प्रयास से जुडा है जो निकट भविष्य में फैलाया जायेगा।(GB Pant institute almora)

बदहाल सड़क (Damaged road)- ग्रामीणों का सब्र टूटा, किया प्रदर्शन


इस कार्यशाला में स्थानीय कृषकों कमला देवी, कमलावती देवी, रेनु खोलिया, गंगा खोलिया, प्रमोद जोशी, द्वीप चन्द्र, मोहन चन्द्र खोलिया, सतीश जोशी, कैलाश राम, के साथ ही पर्यावरण संंस्थान के डॉ0 अमित बहुखण्डी, द्वीप चन्द्र तिवारी, कुलदीप जोशी, बसन्त सिंह, संजीव कुमार, तनुजा मेहरा, मनोज आदि उपस्थित रहे।

कृपया हमारे youtube चैनल को सब्सक्राइब करें

https://www.youtube.com/channel/UCq1fYiAdV-MIt14t_l1gBIw/