अल्मोड़ा- 213 वीं जयंती पर ब्रेल लिपि (Braille script)के जनक लुई ब्रेल को याद किया

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Almora – Remembered Louis Braille, father of Braille script on Jubilee


अल्मोडा 4 जनवरी 2020- अल्मोड़ा में Braille script के जनक लुई ब्रेल के 213 वीं जयंती पर राष्ट्रीय दृष्टि हीन संघ के कार्यालय मे ब्रेल दिवस के रूप मे मनाया गया।

Braille script

इस अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा .जेसी दुर्गापाल ने की तथा संचालन ,चन्द्रमणि भट्ट ने किया ।

कार्यक्रम में लुई ब्रेल के साथ ही पूर्व पत्रकार स्वर्गीय पीसी जोशी , स्वर्गीय मन्जू तिवारी के चित्रों पर भी उपस्थित लोगों ने माल्यार्पण किया।


इस अवसर पर 213 वीं जयंती पर लुई ब्रेल को याद किया गया । वक्ताओं ने कहा कि उनका जन्म 1801में हुआ । तीन वर्ष की उम्र मे उनकी आंखे खराब हो गई ।

लुई ने सामान्य बच्चो की तरह पढाई आरम्भ की किन्तु दृष्टि बाधित होने से काफी परेशानी होती थी । सैनिको के लिये रात्री मे काम करने वाली बारह बिन्दुओं की लिपि (Braille script)को इन्होने छ बिन्दुओ मे लाकर परिष्कृत किया । इस प्रकार ब्रेल लिपि का अबिष्कार हुवा ।

वक्ताओं ने कहा कि इस लिपि (Braille script)ने दृष्टि बाधितों की पढ़ाई- लिखाई मे क्रान्तिकारी बदलाव किया । और आज इस लिपि से पढ़कर दृष्टिबाधित भी आईएएस भी बन रहे है ।

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राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के महासचिव डी के जोशी ने कहा कि लुई ब्रेल ने दिव्यांगो के जीवन में क्रान्ति ला दी अब Braille script से सभी भाषाओ मे लोग पढ़ लिख पा रहे है । उन्होंने लुई ब्रेल को अपनी श्रद्धान्जलि दी । उन्होने कहा कि आज पूर्व संग्रहालय प्रभारी मन्जू तिवारी की पुण्य तिथि भी है उन्होंने मन्जू तिवारी के साथ ही मधु खाती को भी याद किया गया ।
दिव्यांगो की समस्याओ पर प्रकाश डालते हुए वक्ताओं ने कहा कि दिव्यांगो को न्यूनतम जीवन यापन के लिये योग्य पेन्शन मिलनी चाहिये ।

उपपा अध्यक्ष पी सी तिवारी ने लुई ब्रेल को श्रद्धाजंलि देते हुए कहा कि संघर्षो के बल पर प्राप्त अधिकारो को बनाये रखने के लिये चेतना का स्तर बनाये रखना जरूरी है जो बेरोजगार है उन्हे भी जीवन की न्यूनतम सुविधायें मिलनी चाहिये ।

Braille script

इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए डा. जेसी दुर्गापाल ने कहा कि नेत्र की सुरक्षा बहुत जरूरी है ।

उन्होंने कहा कि दिव्यांगो मे एक अन्तर्मन की शक्ति होती है, उन्होंने कहा कि हमे दिव्यांगो के प्रति अपनी सोच भी सकारात्मक करनी होगी दृष्टिबाधित संघ से प्रेरणा लेकर अल्मोड़ा के भी कई दृष्टिबाधित पढाई कर रहे हैं ।


उन्होने कहा कि यदि किसी की एक आँख भी खराब है तो उन्हे भी दिव्यांग माना जाना चाहिये। सभा को हेम खुल्वे , दयाकृष्ण काण्डपाल , पीएस बोरा , रश्मि डसीला , एमसी काण्डपाल, जगदीश चन्द्र ममगई , आदि ने सम्बोधित किया ।

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