नवरात्र में कन्या पूजन के लिए कन्याओं का अकाल

लोहाघाट। नवरात्र की अष्टमी नवमी को कन्या पूजन का बड़ा महत्व माना जाता है। एक ओर हमारे देश में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारे…

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लोहाघाट। नवरात्र की अष्टमी नवमी को कन्या पूजन का बड़ा महत्व माना जाता है। एक ओर हमारे देश में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारे के साथ इस परंपरा को बढ़ावा दिए जाने की बात सामने आ रही है। लोग अब समझने लगे हैं कि कन्याओं की कमी का असर अब हमारे पारंपरिक तीज त्योहारों पर पड़ने लगा है।
काली कुमाऊं में इन दिनों नवरात्र के अवसर पर मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। इस दौरान नवग्रह शांति हेतु कन्यां पूजन के लिए नौ कन्याओं की जरूरत के चलते बालिकाओं की खोज खबर ली जा रही है। लेकिन जिले में घटते लिंगानुपात के चलते इस पूजन को पूरा करने के लिए पास के दूसरे गांव से कन्याएं निमंत्रण देकर बुलाई जा रही हैं।
एक तरफ सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए कमर कसकर तैयार है। वही दूसरी ओर कन्या पूजन के लिये तक कन्यायें नही मिल रही है।   इसमें कुछ लोग पूजन के लिए एडजस्ट करते हुए 7,5,3 कन्याओं से पूजा करने को विवश हैं तो कुछ पास के गांव से कन्या बुलाकर पूजन कर रहे हैं