जाने माने पर्यावरणविद और गंगा की अविरलता को लेकर अनशनरत स्वामी सानंद का निधन , पिछले 112 दिन से कर रहे थे अनशन

विचित्र और चिंताजनक संयोग भाजपा के पूर्व शासनकाल में हुई थी अनशनकारी निगमानंद की मौत इस बार अनशन के दौरान हुई सानंद की मौत डेस्क…

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विचित्र और चिंताजनक संयोग भाजपा के पूर्व शासनकाल में हुई थी अनशनकारी निगमानंद की मौत इस बार अनशन के दौरान हुई सानंद की मौत

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डेस्क :- गंगा की अविरलता बनाए रखने की मांग को लेकर 112 दिन से आमरण अनशन कर रहे प्रयावरणविद प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद का निधन हो गया है| उन्हें कल बिगड़ती तबीयत को लेकर एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था|
स्वामी सानंद ने कल से ही जल भी त्याग कर दिया था|
वह प्रधानमंत्री से गंगा की अविरलता को लेकर ठोस आश्वासन की भी मांग कर रहे थे| स्वामी सानंद के निधन की सूचना के बाद एम्स प्रशासन ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन को सूचित कर दिया है।हरिद्वार के एसडीएम और ऋषिकेश के एसडीएम हर गिरी एम्स में पहुंच गए हैं। यहां पुलिस फोर्स का पहुंचना है शुरू हो गया है।
88 वर्षीय स्वामी सानंद की अनशन काल के दौरान मौत का भाजपा सरकार के साथ विचित्र संयोग बन गया है| इससे पूर्व डा. रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यकाल में स्वामी निगमानंद कीं मौत हुई थी| प्रो. जीडी अग्रवाल कीं मौत भी भाजपा शासनकाल में हुई है|

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 फोटो:- बुधवार को सानंद द्वारा लिखा गया पत्र
गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने के लिए विशेष एक्ट पास कराने की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद का गुरूवार को दोपहर बाद एम्स ऋषिकेश में निधन हो गया। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने इस बात की पुष्टि की। डाॅक्टरों के मुताबिक कमजोरी और हार्ट अटैक से स्वामी सानंद का निधन हुआ है। मातृ सदन ने सरकार के रवैए पर गंभीर आरोप लगाए हैं|
लगातार 112 दिन से अनशन पर बैठे स्वामी सांनद ने मंगलवार को जल भी त्याग दिया था। स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद 22 जून से गंगा के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर अनशनरत थे। विभिन्न सामाजिक संगठनों और पर्यावरण के लिए कार्य कर रहे लोगों ने सानंद के निधन पर दुख जताते हुए सरकार व हरिद्वार प्रशासन के रवैये की कड़ी निंदा की है|