बंदिशों के बावजूद लहलहा रही है भांग की फसल

दूरदराज के इलाकों में नही है अंकुश सुभाष जुकारिया पाटी ( चम्पावत )। जिले के कई गांवों आज भी भांग की खेती की जा रही…

bhang ki kheti

दूरदराज के इलाकों में नही है अंकुश

सुभाष जुकारिया
पाटी ( चम्पावत )। जिले के कई गांवों आज भी भांग की खेती की जा रही है।प्रशासन के मना करने के बाद भी लोग अपने खेतों में भांग उगा रहे हैं।जबकी थानों के माध्यम से प्रत्येक ग्राम प्रधानों को भी बताया गया है कि अपने अपने गांव में भांग की खेती ना होने दें तथा लोगों को इस बारे में जागरूक करें। गांव के लो भांग के बीज से चटनी व नमक के रूप में उसे प्रयोग में लाते है वही भांग के रेसों से रस्सियां बनाई जाती हैं जो घरों में कई काम में आती है। पाटी तहसील के गांवों सहित पूरे जिले में कई जगह भांग की खेती की जा रही है लेकिन प्रशासन के द्वारा अभी तक किसी का चालान न होने से लोगों में कोई भय नहीं दिखाई देता। भांग से ही चरस प्राप्त की जाती है जिससे लोग नशा करते हैं। जिस कारण पूरे जिले में कई लोग चरस बेचते हुऐ व ऩशा करते हुऐ पकडे जा चुके हैं। अंतराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करोडों में है। चरस तस्करी को रोकने और नशे में लगाम लगाने के लिए ही इस फसल को उगाने पर प्रतिबंध लगाया गया हैंं। कई बार पुलिस और प्रशासन की टीम कई गांवों में जाकर इस खेती को नष्ट कर चुकी है लेकिन ग्रामीणों का सहयोग न मिल पाने के कारण जो गांव सडकों से दूर हैं वहां व कई दूरस्थ गावों में फसल उगाई जा रही है।