बागेश्वर के सैकड़ों तोकों को नहीं मिला उजाले का ‘सौभाग्य’, दो सौ से अधिक तोक अभी भी अंधेरे में

बागेश्वर सहयोगी। आपको यह सुनकर ताज्जुब जरूर होगा लेकिन सच यही है कि आजादी के 70 साल बाद भी बागेश्वर जिले के करीब 200 से…

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बागेश्वर सहयोगी। आपको यह सुनकर ताज्जुब जरूर होगा लेकिन सच यही है कि आजादी के 70 साल बाद भी बागेश्वर जिले के करीब 200 से अधिक तोक ऐसे हैं जहां के ग्रामीण अभी भी अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। सरकार भले ही दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना या सौभाग्य योजना से हर घर को रोशन करने का दावा करे लेकिन जमीनी हकीकत बताने के लिये काफी है कि अब तक गांवों को रोशन करने के प्रयास किये ही नहीं गये।
दरसल इस बात का खुलासा विभागीय दस्तावेजों में हुआ है। विभाग इन दिनों उन गांवों की सूची तैयार कर रहा है जहां दीन दयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना या सौभाग्य योजना का लाभ नहीं मिला है। चौैंकाने वाली बात है कि पिछले महीने जो सूची बनायी गयी थी उसमें 200 गांवों के नाम सामने आये। इसके बाद फिर सर्वे किया गया उसमें 208 गांवों में आज तक बिजली नहीं होने की जानकारी मिली। पिछले सप्ताह सर्वे की अंतिम रिपोर्ट प्राप्त हुई है जिसमें 238 गांवों में बिजली ना होने की बात का खुलासा हुआ है। अब इसे विभाग की नाकामी कहें या ईमानदायी से किये जा रहे प्रयास। जो भी हो हकीकत जो सामने आ रही है वह यह बताने के लिये काफी है कि 70 साल तक देश में योजनाओं के नाम पर क्या-क्या खेल खेला गया।
सर्वे से यह भी खुलासा हुआ है कि राज्य गठन के बाद किसी भी सरकार ने इन तोकों तक बिजली पहुंचाने के लिये कोई ठोस कदम नहीं उठाये। अब विभागीय अधिकारी और जिला प्रशासन इन गांवों तक जल्दी से जल्दी हर हाल में बिजली पहुंचाने का दावा कर रहा है।