अल्मोड़ा (Almora) के नागरिकों का आरोप- कलक्ट्रेट मल्ला महल में चल रहे संरक्षण कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जनता की राय की हुई अनदेखी, आंदोलन की चेतावनी

Allegations of the citizens of Almora – Local public representatives

Almora

Allegations of the citizens of Almora

अल्मोड़ा, 31 अक्टूबर 2020- अल्मोड़ा के कलक्ट्रेट में चल रहे पुरातत्व संरक्षण कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जनता की राय की अनदेखी का आरोप लोग (Almora) लगा रहे हैं| शुक्रवार को नगर पालिका में नगर के नागरिकों, प्रबुद्ध जनों और जन संगठनों की बैठक में कलेक्ट्रेट परिसर मल्ला महल में हो रहे मनमाने निर्माण कार्य के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश व्यक्त किया गया।

(Almora) बैठक में कहा गया कि विगत 500 वर्षों से चंद राजाओं के शासन इतिहास व पुरातात्विक धरोहर को बिना स्थानीय नागरिकों की सहमति के मनमाने ढंग से पुरातात्विक तकनीकी विशेषज्ञों की राय के बिना निर्माण कार्य हो रहा है, जिस पर जल्द से जल्द रोक लगाई जानी चाहिए।

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यह बैठक वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता आनंद सिंह बगडवाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में वक्ताओं ने सर्वसम्मति से यह राय वक्त की कि मल्ला महल कलेक्ट्रट परिसर उत्तराखंड की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर है। और वहाँ स्थित रामशिला मंदिर अपनी बेजोड़ पुरातात्विक कला के लिए तथा धार्मिक महत्व के लिए विशेष पहचान रखता है किंतु इस परिसर के संरक्षण के लिए बनाई गई परियोजना में न तो इस क्षेत्र के पुरातत्त्ववेताओ , इतिहासविदों की राय ली गयी और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिया गया।

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वक्ताओं ने कहा मल्ला महल में जो निर्माण कार्य गतिमान है उसकी गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल (Almora) उठ रहे हैं , जिसकी जांच किया जाना और परियोजना की जानकारी सार्वजनिक किया जाना आवश्यक है।

बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला (Almora) लिया गया कि पुरातात्विक महत्व के इस परिसर में किये जाने वाले किसी भी निर्माण या संरक्षण की देखरेख केंद्रीय पुरातत्व विभाग की देखरेख में होना चाहिए। साथ ही इस बैठक में सर्वसम्मति से यह राय रखी गयी कि क्षेत्रीय पुरातात्विक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए एक भव्य संग्रहालय बनाया जाय।

वक्ताओं ने इस बात पर भी हैरानी व्यक्त की कि इतनी अमूल्य विरासत पर अभी तक जनप्रतिनिधियों की चुप्पी आश्चर्यजनक है। बैठक में यह तय किया गया कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा। अगर सरकार द्वारा इस मामले पर कोई यथोचित कार्यवाही नही की गई तो नगर के तमाम जनसंगठन , प्रबुद्धजन सड़को (Almora) पर उतरकर जोरदार ढंग से प्रदर्शन को बाध्य होंगे।

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बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, एडवोकेट प्रफुल पंत, उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी, कांग्रेस के नगर अध्यक्ष पूरन रौतेला, इतिहासविद प्रो. विद्यासागर नेगी, वरिष्ठ पत्रकार दया शंकर टम्टा, छावनी परिषद के उपाध्यक्ष जंग बहादुर थापा, वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र रावत, जन अधिकार मंच के संयोजक त्रिलोचन जोशी, पूरन चंद्र तिवारी, डे केयर सेंटर के अध्यक्ष हेम चंद्र जोशी, जनवादी नेता दिनेश पांडे,

उत्तराखंड सेवा निधि के सचिव कमल जोशी, जनवादी महिला समिति के सुनीता पांडे, अमन संस्था के रघु तिवारी, नीलिमा भट्ट, अमन नौजोंन , नगर व्यापार मंडल के महासचिव मयंक बिष्ट, लक्ष्मण सिंह ऐठानी, ललित चौधरी, उपपा की आनंदी वर्मा, हयात सिंह रावत, उदय किरौला, मनोज सनवाल, सभासद दीप्ति सोनकर, दीपा शाह, जगमोहन सिंह बिष्ट, हेम चंद्र तिवारी, आशा रावत आदि लोग मौजूद थे|

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