उपपा राज्य के संघर्ष का सशक्त विकल्प, राज्य विरोधी ताकतें नहीं बन सकती उत्तराखंड की आवाज

Uppa can not be a strong alternative to the state’s struggle, anti-state forces can become the voice of Uttarakhand

Uppa can not be a strong alternative to the state's struggle, anti-state forces can become the voice of Uttarakhand

Uppa can not be a strong alternative to the state’s struggle, anti-state forces can become the voice of Uttarakhand

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अल्मोड़ा,16 अक्टूबर 2020— उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने कहा कि उपपा ही राज्य के संघर्ष का सशक्त विकल्प है। पार्टी ने कहा कि राज्य विरोधी ताकतें कभी भी उत्तराखंड की आवाज नहीं बन सकती हैं।

Uppa can not be a strong alternative to the state's struggle, anti-state forces can become the voice of Uttarakhand

उपपा की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि राज्य में भाजपा और कांग्रेस जैसे दलों के राज्यविरोधी कारनामों के खिलाफ उपपा हमेशा संघर्षरत रही है और भविष्य में भी रहेगी। उपपा अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि राज्य की अस्मिता को बचाने की मंशा रखने वाले तमाम लोग यहां जुड़कर कांग्रेस भाजपा एवं उनके पदचिह्नों पर चलने वाले राज​नीतिक दलों के विकल्प के रूप में उपपा के साथ हैं। पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में हुई बैठक में उपपा ने अस्तित्व में आने के बाद से राज्य में जल जमीन की लूट खसोट और माफियाओं व राजनेताओं के गठजोड़ के खिलाफ हमेशा प्रखरता से आवाज उठाई है। बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए की जाने वाली तैयारियों पर भी चर्चा की गई और 27 अक्टूबर को अल्मोड़ा में एक क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया। जिसमें केन्द्रीय सचिव आनंदी वर्मा के नेतृत्व में एक पांच स​दस्यीय समिति का गठन करने का ​निर्णय भी लिया गया। जिसमें नारायण राम, किरन आर्या,हीरा देवी,गोपाल राम को शामिल किया गया है।
पार्टी ने पारित प्रस्ताव में कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर विफल है पूरे देश में भाजपा की कथनी और करनी में विफलता की कहानी कह रही है