फजीहत : स्पीड गवर्नर के विरोध में टैक्सियों के चक्के जाम

ललित गहतोड़ी चम्पावत। जिले के टैक्सी मालिकों ने एक बार फिर 5 अक्टूबर को पुरानी टैक्सियों में स्पीड गवर्नर लगाए जाने के निर्देश को वापस…

ललित गहतोड़ी

चम्पावत। जिले के टैक्सी मालिकों ने एक बार फिर 5 अक्टूबर को पुरानी टैक्सियों में स्पीड गवर्नर लगाए जाने के निर्देश को वापस नहीं लिए जाने पर टैक्सियों के चक्के जाम कर दिए। इससे पहले वाहन स्वामियों की ओर से इस विरोध को लेकर 14 जून को भी वाहनों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया था। इसके चलते मुसाफिरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा । पिछले काफी समय से वाहन मालिक पुराने वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाये जाने का विरोध कर रहे हैं।
इधर टैक्सी वाहन स्वामियों का कहना है कि स्पीड गवर्नर लगाए जाने से वाहनों में तकनीकी खराबी आ रही है। इससे वाहनों के पंप से मोटर लिमिट का तेल भेज रहा है जिससे वाहनों में लोड पड़ने के साथ ही चलते सड़क में उनके वाहन बंद हो जा रहे हैं और वाहनों में तकनीकी खराबी आने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा होता जा रहा है। उनका कहना है कि पुराने वाहनों में गवर्नर लगाए जाने संबंधी नियमों में फिलहाल शिथिलता बरती जाय। वाहन स्वामी चुनिंदा कंपनियों को इस डिवाइस का ठेका दिये जाने का ​भी विरोध कर रहे है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से एक बार फिर से इस निर्णय को अग्रिम आदेश तक के लिए फिलहाल रोक लगाने की गुहार लगाई है। वाहन स्वामियों का कहना है कि यदि उनकी बात नहीं मानी गई तो वह इसी तरह टैक्सियों संचालन पूरी तरह से बंद कर देंगे। क्योंकि स्पीड गवर्नर इन वाहनों के इंजन पर लोड डाल रहा है और इसके लगने के बाद अधिकतर वाहन चलते चलते सड़क में अचानक बंद हो जा रहे हैं .

गति नियंत्रक डिवाइस है स्पीड गवर्नर
वाहनों में ओवर स्पीड की वजह से हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के मद्देनजर इस डिवाइस को लगाना अनिवार्य किया गया है। दरअसल वाहनों में स्पीड मीटर को नियत फ्रीक्वेंसी में रखने का काम स्पीड गवर्नर का है। नये आ रहे वाहनों में इसे गति नियंत्रक डिवाइस के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।