टिम्बर लाईन परियोजना के अंतर्गत तुंगनाथ में 5 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ

कार्यशाला

5 day workshop inaugurated in Tungnath

चमोली, 21 सितंबर 2020
टिम्बर लाईन परियोजना के अंतर्गत तुंगनाथ, चमोली में 5 दिवसीय कार्यशाला का सोमवार यानि आज से शुभारंभ हो गया है. इस कार्यालाय में उत्तराखंड के विभिन्न संस्थानों व विश्वविद्यालय से 20 शोधार्थी हिस्सा ले रहे है.
कार्यशाला का उद्घाटन गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी अल्मोड़ा के निदेशक डॉ.आरएस रावल ने किया.
डॉ. रावल ने कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे सभी विषय विशेषज्ञों एवं विभिन्न संस्थानों/विश्वविद्यालय से आये हुए 20 शोधार्थीयों का स्वागत करते हुए सभी प्रतिभागियों से विषय विशेषज्ञों के ज्ञान का अधिक से अधिक लाभ लेने का आह्वान किया.
टिम्बरलाईन परियोजना के नोडल पर्सन डॉ. जीसीएस नेगी ने कहा कि ‘नेशनल मिशन आन हिमालयन स्टडीज’ के अन्तर्गत वर्ष 2016 से चल रहे इस परियोजना को भारतीय हिमालयी क्षेत्र के सिगयोम (कश्मीर), तुंगनाथ (उत्तराखण्ड़) एवं याक्सुम जोगंरी (सिक्मि) में टिम्बरलाईन के विविध आयामों वनस्पतियों का विवरण बर्फ पिघलने का वनस्पतियों के फूल निकलने का समय, टिम्बरलाईन में जलवायु सम्बन्धी आकड़ों का एकत्रीकरण, वृक्षों की आयु का ड्रेन्ड्रोक्लोमोली से आकलन, टिम्बर लाईन का समाज से सम्बन्ध पर यह परियोजना आधारित है.
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य टिम्बरलाईन के ग्लोबल वार्मिंग के साथ ऊँचाई की ओर खिसकने की धारणा को शोध के माध्यम से अध्ययन करना है.
इस कार्यशाला में वनस्पतियों के टेरिडोफाईट, लाईकेन एवं ब्रायोफाईट समूह का विशेष अध्ययन किया जायेगा. इन वनस्पतियों के बारे में अभी भी बहुत सीमित ज्ञान है.
भारतीय वनस्पति सर्वेंक्षण के डॉ. खोलिया, कुमाउं विश्वविद्यालय के डॉ. मनीष एवं महिला विश्वविद्यालय रूड़की की डॉ. मनीषा द्वारा शोधार्थीयों को तुंगनाथ के आस-पास के जंगलों में प्रशिक्षण दिया जायेगा. इस आयोजन में संस्थान के वरिष्ठ शोधार्थी डॉ. प्रदीप एवं रेनु रावल आदि उपस्थित थे.