इदरीश बाबा (Idrish baba)की अंतिम यात्रा में उमड़ पड़ा रानीखेत कहा जब तक सूरज चांद रहेगा बाबा तेरा नाम रहेगा

Idrish Baba

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Ranikhet rose, in Idrish Baba’s last journey, Baba will be your name as long as the sun is moon

 Idrish Baba

रानीखेत, 13 सितंबर 2020- रानीखेत नगर में बाबा के नाम से प्रसिद्ध तथा फुटबॉल के जाने माने कोच इदरीश बाबा (Idrish Baba)का शनिवार को निधन होने के बाद आज रविवार को गमगीन माहौल में उन्हें सुपुर्द ए खाक किया गया। कब्र के ऊपर जब प्रसंशकों ने फुटबाल समर्पित की तब हर कोई भावुक हो गया यही बाबा को वास्तविक अंतिम विदाई थी

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फोटो- सौजन्य से पत्रकार विमल सती

रविवार को बाबा के ज़रूरी बाजार स्थित आवास से उनकी अंतिम यात्रा शुरु हुई | जनाजे में शामिल लोग ‘जब तक सूरज चांद रहेगा बाबा तेरा नाम रहेगा’ नारे लगा रहेथे। अंतिम यात्रा में समाज के हर वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया तथा हर किसी की आंखे नम दिखी। बाबा(Idrish Baba) को नगर के राजपुरा स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया।विदित हो 78 वर्षीय अविवाहित फुटबॉल कोच इदरीस बाबा(Idrish Baba) पिछले कुछ समय से बीमार थे तथा पूर्व दिवस शनिवार की सायं नगर के नागरिक चिकित्सालय में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को अस्पताल से ज़रूरी बाजार स्थित आवास में लाया गया। बाबा के निधन का समाचार मिलते ही खेल प्रेमियों सहित उनके शिष्यों व चाहने वालों में शोक की लहर छा गई।

अंतिम यात्रा में पूर्व दर्जा धारी राज्यमंत्री नरेंद्र रौतेला, छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष मोहन नेगी, गिरीश भगत, विमल भट, विमल सती, मुकेश शाह, अनिल वर्मा, शेर सिंह राणा, मोहम्मद शकील, मोहसिन, कैलाश पांडे, दिनेश तिवारी, राजेंद्र जसवाल, सहित अनेक खेल प्रेमी व नगर के अनेक लोग मौजूद थे|

बाबा के निधन से रानीखेत नें फुटबाल के एक युग का हुआ अंत

रानीखेत। फुटबाॅल के जाने माhने कोच व बाबा के नाम से विख्यात 78 वर्षिय मो.इदरीश बाबा (Idrish Baba)नगर सहित आसपास क्षेत्र में लोगों के दिल में बसे थे। फुटबॉल के लिए ता जिंदगी समर्पित रहे बाबा प्रशिक्षण के दौरान हमेशा सुबह-शाम खिलाड़ियों के साथ मैदान पर दिखते थे तथा उन्होंने पिछले 50 सालों में अपने हुनर से अनेक खिलाड़ियों को तरासा। उनसे प्रशिक्षण प्राप्त लगभग एक दर्जन से अधिक खिलाड़ी राज्य व राष्ट्रीय स्तर तक खेले हैं , तथा कई सेना आदि में पहुंचे हैं। साथ ही उन्होंने नगर में जिला व् राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन भी कराया।
बाबा के निधन से रानीखेत में फुटबाल के एक युग का अंत हो गया । लोगों का कहना है कि युवाओं को फुटबाल का प्रशिक्षण दे भविष्य संवारने वाले बाबा को सरकार से एक सम्मान तक नहीं मिला, जिसके वे हकदार थे।

खेल का अदद मैदान की हसरत दिल में लिए चल दिए इदरीश बाबा(idrish baba)

बाबा के निधन से आहत एडवोकेट दिनेश तिवारी कहना है कि एक खेल के मैदान की हसरत लिये इदरीश बाबा (idrish baba)चले गये जब भी मिले एक अदद स्टेडीयम की बात करते रहे मरते दम तक यही दुःख उन्हें सताता रहा कि इस शहर के पास अपना एक खेल का मैदान भी नहीं है उन्होंने पूरा जीवन खेल को दे दिया उनके प्रशिक्षित फ़ुट्बॉल खिलाड़ी और कोच हमें कई शहरों में मिल जाते हैं कई युवा हैं जो बाबा से प्रशिक्षण लेकर अपना जीवन ही नहीं चला रहे बल्कि फ़ुट्बॉल की अद्भुत बींधा को आगे भी बढ़ा रहे हैं आइए बाबा को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए रानीखेत शहर का अपना हो एक खेल का मैदान चुनोती को स्वीकार कर उसे पूरा करने का संकल्प लें।

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