बड़ा सवाल -सरकारी मशीनरी को नियंत्रित करने वाला ऑडिट विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी

ऑडिट विभाग

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ऑडिट विभाग में रिक्त चल रहे हैं 68 फीसदी पद

अल्मोड़ा, 12 अगस्त 2020- तमाम सरकारी विभागों और निकायों में गबन व अनियमितताओं को उजागर करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य का जिम्मा ऑडिट विभाग के पास है.

लेकिन स्वीकृत कुल 174 पदों के सापेक्ष 68 फीसदी पदों के खाली होने से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि विभाग की हालत किस कदर दयनीय है ।

आडिट विभाग में सीधी भर्ती के पदों में लेखा परीक्षक के स्वीकृत 60 पदों के सापेक्ष 87 फीसदी पद खाली हैं । जबकि पदोन्नति से भरे जाने वाले स्वीकृत 114 पदों में से 59 फीसदी पद खाली हैं । सालों से खाली इन पदों पर पदोन्नति नहीं होने से अधिकारियों में बेहद हताशा है जबकि दर्जनों अधिकारी बगैर पदोन्नति के रिटायर हो चुके हैं ।

उत्तराखंड लेखा परीक्षा सेवा संघ ने ऑडिट विभाग में पदोन्नति व सीधी भर्ती के खाली पदों को तत्काल भरे जाने की मांग की है ।

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संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चन्द्र पांडे का कहना है कि ऑडिट विभाग को चाकचौबन्द किए बिना भ्रष्टाचार को लेकर ज़ीरो टौलरेंस के दावों पर यकीन नहीं किया जा सकता है ।


कहा कि वर्तमानमें उत्तरप्रदेश कैडर के यहां तैनात तीन अधिकारियों के कारण उत्तराखंड कैडर के तकरीबन 25 अधिकारियों की पदोन्नति लटकी पड़ी है ।

दरअसल निदेशालय स्तर से एकीकरण नियमावली 2019 के तहत अधीनस्थ संवर्ग की अन्तिम ज्येष्ठता सूची में यूपी कैडर के दो अधिकारियों को शामिल करने से सारा विवाद खड़ा हुआ है इस पर उठायी गयी आपत्ति के जवाब में निदेशालय द्वारा बताया गया कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 75 के तहत इनका नाम सूची में शामिल किया गया है । निदेशालय द्वारा इसी आधार पर 25 फरवरी को अधिकारी संवर्ग की ज्येष्ठता सूची का प्रस्ताव शासन को भेजा है जिसमें यूपी कैडर के एक अधिकारी का नाम भी शामिल हैं लेकिन अधीनस्थ संवर्ग की ज्येष्ठता सूची के खिलाफ उच्च न्यायालय में रिट दाखिल हो जाने से शासन इस सूची को जारी करने में असमंजस की स्थिति में है ।

इसको लेकर 20 जुलाई को वित्त सचिव द्वारा कार्मिक, व न्याय विभाग के अधिकारियों के साथ मंत्रणा भी की गई लेकिन इसके बावजूद अभी तक सूची जारी नहीं की गई है । यह सूची जारी नहीं होने से अधिकारियों के प्रमोशन लटके हैं |

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इधर उत्तराखंड लेखा परीक्षा सेवा संघ ने यूपी कैडर के इन कार्मिकों के कारण यहां के कार्मिकों के प्रमोशन में हो रही लेटलतीफी पर कड़ा ऐतराज किया है । संघ के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने सचिव वित्त अमित नेगी को पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि यूपी कैडर के इन कार्मिकों को येन केन प्रकार से यहां बनाए रखते हुए उन्हें पदोन्नति का लाभ देने की मंशा से वशीभूत होकर निचले स्तर से गुमराह किया जा रहा है । ऑडिट विभाग.


संघ का कहना है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 73( 2) में कैडर निर्धारण का पूर्ण अधिकार भारत सरकार के पास है और भारत सरकार द्वारा 2005 में इनका अन्तिम रूप से यूपी कैडर निर्धारित किया जा चुका है और व्यवस्था में साफ प्रावधान है कि कैडर निर्धारण के बाद सम्बन्धित कार्मिक की ज्येष्ठता सम्बन्धित राज्य में ही निर्धारित की जाय । संघ ने निदेशालय स्तर से पुर्नगठन अधिनियम के उल्लंघन व अतिक्रमण के इस मामले में शासन की चुप्पी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है ।
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संघ ने शासन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा है कि 3जून 2019 को वित्त सचिव की अध्यक्षता में संघ पदाधिकारियों की बैठक में तय हुआ था कि कार्मिक एवं पुर्नगठन विभाग से परामर्श लेने के बाद यूपी कैडर के इन कार्मिकों को रिलीव करने पर विचार किया जाएगा लेकिन आज तक इस सम्बन्ध में परामर्श नहीं लिया गया इसके अलावा समस्त सहायक लेखा परीक्षा अधिकारीयों को लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर वन टाइम पदोन्नति का लाभ देने पर सहमति हुई थी लेकिन इस सहमति के अनुरूप नियमावली में प्रावधान नहीं किए जाने से पात्रता के बावजूद वन टाइम पदोन्नति का लाभ सबको नहीं मिल पा रहा है ।
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