रोजगार के लिए महानगरों में भटकने की बजाय युवक ने कि़या यह काम, अब हो रही है वाहवाही

रोजगार के लिए महानगरों में भटकने की बजाय युवक ने कि़या यह काम, अब हो रही है वाहवाही भिकियासैंण सहयोगी | पलायन की मार से…

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रोजगार के लिए महानगरों में भटकने की बजाय युवक ने कि़या यह काम, अब हो रही है वाहवाही

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भिकियासैंण सहयोगी | पलायन की मार से जूझ रहे पहाड़ के युवा ने नौकरी के लिए दर दर भटकने के बजाय ‘उत्तम खेती’ की अवधारणा को अपना कर युवाओं के लिए प्रेरणा देने का काम किया है| जूनियां गांव निवीसी कुलदीप रावत नाम के इस युवक ने अजीविका परियोजना एवं टिहरी गढ़वाल की तकनीकि संस्था रॉडस के सहयोग से अपनी तकदीर ही बदल दी | महानगरों में रोजगार को भटकने के बजाय खेती को कुलदीप ने आजीविका का साधन चुना तथा पहले प्रयास में ही कुंतलों टमाटर उत्पादन कर मिशाल कायम की है |

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पौड़ी सीमा से लगे लखोरा घाटी के भूमिया उत्पादक समूह जूनिया के अध्यक्ष युवक कुलदीप रावत ने आजीविका परियोजना के अध्यक आनंदराम व तकनीकि संस्था रॉडस के तकनीकि समन्वयक स्याल्दे श्यामसिंह रावत के मार्गदर्शन में इस बार दो तीन नाली खेत में टमाटर की खेती की जिसमें उनके घर के सभी 6 सदस्यों ने सहयोग कर रहे हैं | उन्हें आजीविका परियोजना के तहत तार बाढ उपलब्ध करायी गयी है | कुलदीप की मेहनत रंग लायी जो अब तक बीस कुंतल से अधिक टमाटर बेच चुके हैं | बारहवीं पास कुलदीप युवाओं के लिये प्रेरणा के स्रोत हैं | क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता सुनील टम्टा ने कृषि विभाग से युवा उद्यमी को पुरस्कृत करने की मांग की है जिससे की औरों को भी सीख मिल सके |
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खेत से सड़क तक सर में ढो कर लाते हैं टमाटर
रामनगर – सराईखेत मोटर मार्ग से दो किमी दूर जूनिया गांव में कुलदीप द्वारा उत्पादित टमाटरों को इकूखेत सड़क तक सिर में ढोया जाता है | टमाटर रामनगर , हल्द्वानी के अलावा स्थानीय बाजार इकूखेत , सराईखेत , उफरेखाल ,चित्रकूट आदि में अपनी पहचान बना चुका है |