उत्तराखंड— गैरसैंण (Gairsain) को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाना शहीदों और आंदोलनकारियों का अपमान: उक्रांद

Making Garsain the summer capital is an insult to martyrs and agitators: Ukd देहरादून, 08 जून 2020उत्तराखंड क्रांति दल ने गैरसैंण (भराड़ीसैंण)को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन…

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Making Garsain the summer capital is an insult to martyrs and agitators: Ukd

देहरादून, 08 जून 2020
उत्तराखंड क्रांति दल ने गैरसैंण (भराड़ीसैंण)को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने का विरोध किया है. उक्रांद ने सरकार के इस फैसले को शहीदों और आन्दोलनकारियों का अपमान बताया है.

यहां जारी एक बयान में उक्रांद नेता काशी सिंह ऐरी ने कहा कि 13 जिलों के एक छोटे राज्य, जिसके पास आज इतने भी संसाधन नहीं है कि वह समय पर अपने कर्मचारियों को वेतन दे पाए, उस पर दो-दो राजधानियां थोप दी जा रही हैं. उन्होंने इसे उत्तराखण्ड की जनता के साथ धोखा बताया.

उक्रांद नेता ऐरी ने कहा कि भाजपा की तत्कालीन केन्द्र सरकार ने राजधानी के मुद्दे पर उत्तराखण्ड की जनता से राज्य निर्माण के समय भी छल किया था. उत्तराखण्ड राज्य के विधेयक में राजधानी का क्लाज जानबूझकर डाला ही नहीं गया था. दूसरा छल आज प्रदेश सरकार कर रही है.

ऐरी ने कहा कि उत्तराखण्ड की प्रस्तावित राजधानी निर्विवाद रुप से गैरसैंण थी, पहले तो इसे धोखे से देहरादून में अस्थाई बना दिया गया, फिर तत्कालीन भाजपा की अंतिम सरकार ने उसे एक आयोग को सौंप दिया. आयोग को उसके बाद आई कांग्रेस की सरकार भी पोसती रही फिर उसकी रिपोर्ट भी भाजपा की ही सरकार के समय में विधानसभा में रखी गई, जिस पर आज तक सदन में बहस नहीं कराई गई है और आज फिर से राज्य की जनता को ग्रीष्मकालीन राजधानी का झुनझुना पकड़ाया जा रहा है.

काशी सिंह ऐरी ने कहा कि उत्तराखण्ड की जनता की भावना के अनुरुप गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाकर ही दम लेंगे. एक राज्य में दो—दो राजधानी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उत्तराखण्ड क्रान्ति दल इसका पुरजोर विरोध करेगा और जनता के साथ मिलकर फिर से आन्दोलन किया जाएगा.