उत्तराखंड— लॉक डाउन(Lock Down) में प्राइवेट विद्यालयों के शिक्षकों पर गहराया आर्थिक संकट, सीएम(CM) को भेजा ज्ञापन

​बागेश्वर, 06 जून 2020देशव्यापी लॉकडाउन (Lock Down) की मार से प्राइवेट स्कूल के शिक्षक भी अछूते नहीं है. कोरोना काल में शिक्षकों पर आर्थिक संकट…

Lock down

बागेश्वर, 06 जून 2020
देशव्यापी लॉकडाउन (Lock Down)
की मार से प्राइवेट स्कूल के शिक्षक भी अछूते नहीं है. कोरोना काल में शिक्षकों पर आर्थिक संकट गहराने लगा है. निजी विद्यालयों के शिक्षकों ने सीएम (CM) विधायक को ज्ञापन भेज उन्हें इस संकट से उबारने हेतु उचित कार्यवाही की मांग की है.

गौरतलब है कि पिछले ढाई माह से वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए देशव्यापी लॉक डाउन (Lock Down) घोषित किया गया है. जिसके चलते स्कूल समेत सभी शिक्षण संस्थान बंद है. ऐसे में कई सरकारी व निजी स्कूलों के​ शिक्षक—शिक्षिकाओं द्वारा छात्र—छात्राओं की आनलाइन क्लासेज कराई जा रही है. आनलाइन माध्यम से ही अन्य शिक्षण गतिविधियां संचालित की जा रही है.

लॉक उाउन (Lock Down) के बावजूद भी शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन तो कर रहे है लेकिन उन्हें खुद आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है.

मामले को लेकर आज जनपद के कई निजी विद्यालयों के कार्यरत शिक्षकों द्वारा सीएम त्रिवेंरद्र सिंह रावत व विधायक चंदन राम दास को ज्ञापन प्रेषित किया. ज्ञापन में शिक्षकों ने कहा कि सरकार द्वारा लॉक डाउन की अवधि में प्राइवेट स्कूलों को छात्र—छात्राओं से फीस लेने से मना किया गया है. जिसके चलते कई शिक्षकों को पिछले ढाई माह से वेतन नहीं मिला है. ऐसे में जिनकी आजीविका विद्यालयों पर निर्भर थी उनका घर का खर्चा चलना बहुत मुश्किल हो गया है. यही नहीं प्रशिक्षित शिक्षक अवसाद का शिकार हो रहा है और वह आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हो रहा है.

ज्ञापन में शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से सभी रजिस्टर प्राइवेट शिक्षकों, कर्मचारियों को सरकार द्वारा प्रत्यक्ष आर्थिक मदद की जाने, प्राइवेट शिक्षकों हेतु एक निश्चित नियमावली बनाने ताकि उनका शोषण ना हो सके और सभी प्राइवेट शिक्षकों के लिए वेतन, भत्ता व अन्य सुविधा में समानता का नियम लागू किए जाने की मांग की.

इस मौके पर गंगा सिंह बसेड़ा, गिरीश मिश्रा, खीमानंद पांडे, जोगा सिंह बोरा, हेम चन्द्र पाठक, मनवीर सिंह नेगी, ललित मोहन पाठक, सुंदर काण्डपाल, पंकज कनवाल व नंदन सिंह बसेड़ा मौजूद थे.