चढ़ता पारा(summer) बना परेशानी का सबब, फसलों के साथ ही पेयजल के स्रोतों पर भी पड़ा असर

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पाटी से सुभाष जुकरिया की रिर्पोट— चंपावत जिले में इन दिनों गर्मी (summer) से पारा चढ़ता जा रहा है जिस कारण लोगों कि दिक्कतें बढ़ती जा रही है.

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हालत यह है कि फसलों के सूखने के अहसास के बीच अब पीने के पानी के लाले भी पड़ने की नौबत आ गई है।

पूरे जिले में सुबह 11बजे से साम 4 बजे तक धूप और गर्मी (summer) के कारण लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. जिले में बारिश ना होने से किसानों की फसल सूखनी लग गयी है वहीं बहुत जगहों पर पानी की समस्या उत्पन्न होने लगी है.

पानी के स्रोत सूखने लगे हैं. जिस कारण लोग गांव के नौलों में सुबह लाईन लगाने में लगे हैं.

खेतीखान के तपनीपाल में तो पानी राम भरोसे है. पहले रोड कटिंग के नाम पर पानी की लाइन तोड़ दी .

बड़ी मुश्किल से तीन साल बाद ठीक हुई तो पानी का सही वितरण नहीं होने से घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा अब रही सही कसर तेज गर्मी (summer)ने पूरी कर दी है. बताते चले कि तपनीपाल के कलाखर्क गांव में तो पिछले एक साल से पानी नहीं आ रहा यहां तक कि अगर इस महामारी के संकट में प्राथमिक विद्यालय कलाखर्क को कवारंटीन सेंटर बनाया जाय तो वहां पानी ही नहीं है.

आजतक लोगों ने अपने निजी प्रयासों से पानी लाये पर अब स्रोतों के सूखने से पानी की दिक्कत है. अक्सर गर्मी (summer)के मौसम में पानी के होने के बाद भी गांव में पानी की दिक्कत रहती है इस परेशानी की तरफ ना विभाग का ध्यान जाता है ना जनप्रतिनिधियों का.

लोगों का कहना है कि अगर जल्दी ही बारिश नहीं होती तो आलू,गोभी, टमाटर, सहित सब्जियां व फसलें सूख जायेंगी और पीने के पानी के लिए मारामारी और बढ़ेगी.