कोरोना (Corona) संकट के बीच इंसानियत की मिसाल, कोरोना के इलाज के लिए जमाती दान कर रहे प्लाज्मा (Plasma)

दिल्ली, 27 अप्रैल 2020राजधानी में स्थित जिस मरकज (Nizamuddin Markaj) को कोरोना वायरस का केंद्र माना जा रहा था अब वही जमाती (jamati) इंसानियत का…

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दिल्ली, 27 अप्रैल 2020
राजधानी में स्थित जिस मरकज (Nizamuddin Markaj
) को कोरोना वायरस का केंद्र माना जा रहा था अब वही जमाती (jamati) इंसानियत का धर्म निभाते हुए लोगों की जान बचाने को आगे आ रहे है.

निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaj) से जुड़े करीबी 250 से अधिक जमाती जो कोरोना को मात देकर स्वस्थ्य हो चुके है, अब अपना ब्लड प्लाज्मा (Plasma) दान कर क्वारंटाइन सेंटरों में जिंदगी व मौत की जंग लड़ रहे कोरोना संक्रमितों को नई जिंदगी देने का कार्य कर रहे हैं.

गौरतलब है कि बीते माह दिल्ली ​निजामुद्दीन मरकज से जुड़े कई सदस्यों में कोरोना की पुष्टि थी. जिसके बाद कई राज्यों में तब्लीगी जमात से जुड़े सदस्यों को कोरोना के संक्रमण फैलाने का जिम्मेदार ठहराया गया. यहीं नहीं मामले के सामने आने के बाद कुछ लोगों ने इसे हिंदू—मुस्लिम का मुद्दा बना डाला.

लेकिन अब यही तब्लीगी जमाती लोगों की जान बचाते नजर आ रहे है और अपना ब्लड प्लाज्मा (Plasma) डोनेट कर रहे है. जो किसी संक्रमित व्यक्ति की लिए संजीवनी का कार्य सकता है.

दरअसल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया था कि कोविड-19 के 4 रोगियों पर किए गए प्लाज्मा थेरेपी (Plasma therapy) परीक्षण के प्रारंभिक नतीजे काफी उत्साहजनक थे जिससे कोरोना वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार लोगों के इलाज के लिए उम्मीद की किरण नजर आई. इसके बाद उन्होंने अपील की थी कि कोरोना से ठीक हो चुके मरीज अपना प्लाज्मा डोनेट करें.

इसके अलावा ​निजामुद्दीन मरकज के मौलाना साद ने भी बीते 21 अप्रैल को एक संदेश जारी किया था जिसमें उन्होंने कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके तब्लीगी जमात (Tablighi jamaat) के सदस्यों से अपना ब्लड प्लाज्मा दान करने की अपील की थी.

माना जा रहा है कि सीएम अरविंद केजरीवाल व मौलाना साद की अपील के बाद तब्लीगी जमात (Tablighi jamaat) से जुड़े सदस्यों ने प्लाज्मा डोनेट करने का फैसला किया करीब 250 से अधिक जमाती प्लाज्मा डोनेट करने को सामने आए है.

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में जमातियों से जुड़े 1000 से अधिक कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस मिले थे. इनमें से करीब 250 से अधिक जमाती (jamati) ठीक हो गये हैं. ​

प्लाज्मा थैरेपी (Plasma therapy) से कैसे होता है इलाज

जब कोई व्यकित कोरोना (Corona) पॉजिटिव हो जाता है तो उसके ठीक होने के बाद उसके ब्लड में एंटीबॉडीज आ जाती हैं. चिकित्सकों का मानना है कि ऐसे व्यक्ति के ब्लड से प्लाज्मा (Plasma) निकालकर अगर कोरोना मरीजों को दिया जाए तो वो ठीक में होने में मदद करता है. दिल्ली व उत्तरप्रदेश में यह थेरेपी शुरू हो चुकी है, जिससे मरीजों को फायदा मिला है.