एससी—एसटी (SC-ST) कर्मियों का सरकार को अल्टीमेटम (Ultimatum) कहा—एक हफ्ते में पूरी हो मांगें, आंदोलन की दी चेतावनी

अल्मोड़ा, 21 मार्च 2020छह सूत्रीय मांगों को लेकर एससी—एसटी (SC-ST) कर्मियों की ओर से आज जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा गया। जिसमें…

अल्मोड़ा, 21 मार्च 2020
छह सूत्रीय मांगों को लेकर एससी—एसटी (SC-ST) कर्मियों की ओर से आज जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा गया। जिसमें सरकार को एक हफ्ते का अल्टीमेटम (Ultimatum) दिया गया है। मांगों पर शीघ्र कार्यवाही नहीं होने पर अनिश्चिकालीन आंदोलन की चेतावनी दी है।

सीएम को भेज ज्ञापन में कहा कि आरक्षण विरोधी आंदोलन की बुनियाद पर बने उत्तराखंड राज्य में आज यहां के संवैधानिक संरक्षण के सहारे आगे बढ़ रहे समाज जिसमें अनुसूचित जाति, जन​जाति (SC-ST) व पिछड़ा वर्ग शामिल है, के अधिकार एक—एक समाप्त होते जा रहे है जो कि अत्यंत चिंता का विषय है और राज्य के चहुंमुखी विकास को बाधित करता है।

ज्ञापन में कहा कि आज भी इन वर्गों (SC-ST) के साथ जातीय भेदभाव, अपमान, उत्पीड़न व हत्याओं की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है। अलग राज्य बनने के बाद जनजाति व अन्य पिछड़ा क्षेत्र घोषित कर वहां की प्रभावशाली सामान्य जातियों द्वारा इन वर्गों (SC-ST) के अधिकारों व सुविधाओं को छीना जा रहा है।

एससी—एसटी (SC-ST) कर्मियों ने पदोन्नति के प्रतिनिधित्व की व्यवस्था बहाल करने, आरक्षित वर्गों के विभिन्न विभागों में बैकलॉग के रिक्त पदों को विशेष भर्ती अभियान चलाकर भरने, छात्रवृत्ति की प्रक्रिया को सरल बनाने, प्रदेश के सभी नगर—निकायों में स्वच्छता कर्मियों को नियमित करने व ठेकेदारी प्रथा को समाप्त किए जाने, अनुसूचित जाति—जनजाति (SC-ST) अत्याचार निवारण अधिनियम को सख्ती से लागू करने के लिए प्रशासन को निर्देशित करने तथा एससी—एसटी (SC-ST) व अन्य पिछड़ा क्षेत्र घोषित क्षेत्रों को समाप्त कर इन वर्गों के अधिकारों पर अन्य वर्गों द्वारा किए जा रहे कब्जे को रोके जाने की मांग की है।

ज्ञापन सौंपने वालों में मूलनिवासी कर्मचारी कल्याण महासंघ के जिलाध्यक्ष पंकज कुमार टम्टा, मूलनिवासी संघ उत्तराखंड के जिलाध्यक्ष अध्यक्ष महेश लाल समेत कई सदस्य मौजूद थे।