लापरवाही—करंट की चपेट में आए लाइनमैन को दो घंटे तक नहीं मिला उपचार हो गई मौत

Negligence – The lineman who was hit by a current did not get treatment for two hours

mritak berinag
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बेरीनाग सहयोगी।बेरीनाग में बिजली विभाग में संविदा कर्मी के रूप में कार्य करने वाला कर्मचारी करंट की चपेट में आ गया। आरोप है कि कर्मचारी को दो घंटे तक उपचार नहीं मिल पाया इस कारण उसकी मौत हो गई.

जानकारी के मुताबिक बेरीनाग के गणेश चौक निवासी नवल किशोर बिष्ट उम्र 37 बुडेरा गांव के मानीखेत तोक में बिजली का ट्रासफार्मर बदलने के पहुंचे थे.उन्होंने राईआगर सब स्टेशन के प्रभारी को फोन कर स्टडाउन मांगा और ट्रासफार्मर चड़ाने के लिए पोल में चड़ा तो जिसे ही पोल में चढ़ा 11 हजार किलोवाट की लाइन से कंरट लगकर नीचे गिर गया.

मजदूरों ने ग्रामीणों और बिजली विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। सूचना मिलते ही बेरीनाग सीएचसी 108 गयी. डाक्टर नहीं मिलने से परेशान परिजनों की गुहार के बाद एक डाक्टर आया उन्होंने गंगोलीहाट के प्रभारी चिकित्सालय में इसकी सूचना थी। इसी दौड़भाग और भागमभाग के बीच नवल की मौत हो गई.

नगर पंचायत अध्यक्ष हेम पंत ने बिजली विभाग और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे करते हुए का कि विभागीय लापरवाही से लाइन मौन की मौत हुई है। यहां पर यदि डाक्टर होते तो समय से उपचार मिलता तो बच सकता था। मृतक लाइन मैन को 10 लाख का मुआवजा और बिजली विभाग में नौकरी देने की मांग की.मृतक लाइन मैन के दो छोटे छोटे बच्चे है घर में घटना के कोहराम मच गया.

यहां यह बताना जरूरी है कि सीएचसी बेरीनाग में डाक्टर नही होने से समय पर उपचार नही मिलने से एक सप्ताह के भीतर दो लोगों की मौत हो गयी। सोमवार को नगर के एक व्यापारी की मां की मौत उपचार नही मिलने से हुई थी। उसके बाद मंगलवार को इसके विरोध में बाजार बंद किया था। लेकिन उसके बाद भी हालत जस के तस बने हुए है स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर लेकर लोगों में आक्रोश फैला हुआ है.

दो घंटे तक नही पहुंचे प्रशासन के अधिकारी

लाइन मैन की मौत के बाद जब व्यापारियों और परिजनों ने डाक्टर नही होने पर स्वास्थ्य केन्द्र में तालाबंदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और प्रशासन का कोई भी अधिकारी कर्मचारी मौके पर नही पहुंचा जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया।व्यापारी नेता भूपेन्द्र मेहरा ने प्रशासन की इस कार्यप्रणाली पर सवाल खडे किये है.


यहीं नहीं सीएचसी में डाक्टर नही होने के कारण कंरट लगने झुलसे नवल तीन घंटे तक बैंड में पड़ा रहा। तीन घंटे के बाद जब गंगोलीहाट से प्रभारी चिकित्साधिकारी मौके पर पहुंचे तब जाकर उसको देखने के बाद डाक्टर ने मृत घोषित किया.

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