यह है लोकतंत्र की असली पहचान— पति कांग्रेस से तो पत्नी भाजपा के समर्थन से बनी ब्लॉक प्रमुख, नए समीकरण से अचंभ्भित हैं लोग

यह है लोकतंत्र की असली पहचान— पति कांग्रेस से तो पत्नी भाजपा के समर्थन से बनी ब्लॉक प्रमुख, नए समीकरण से अचंभ्भित हैं लोग

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उत्तरा न्यूज डेस्क: भारतीय लोकतंत्र के कई स्वरूप हैं। यहां नाते रिश्तेदार कभी एक दूसरे के खिलाफ चुनावी रंग में दिखते हैं तो कभी गांव परिवार में यहीं राजनीति दुश्मनी में बदल जाती है। लेकिन पौड़ी जिले से एक दुर्लभ और सुखद संयोग सामने आया है। यहां पति-पत्नी अलग-अलग ब्ला्कों से ब्लॉक प्रमुख चुने गए हैं। इसमें बड़ी बात यह है कि पति काग्रेस के टिकट पर प्रमुख बने हैं, वहीं उनकी पत्नी भाजपा के टिकट पर प्रमुख बनी हैं।

15 विकासखंडो वाले पौड़ी में नामांकन के दिन यानि शनिवार को एक हर जुबां पर छा जाने लायक समीकरण बना। यहां एक दंपती ने दो ब्लॉकों ने ब्लॉक प्रमुख पद कब्जाया।
कल्जीखाल के पूर्व ब्लॉक प्रमुख महेंद्र सिंह राणा ने इस बार द्वारीखाल ब्लॉक में प्रमुख पद पर कब्जा जमाया, जबकि उनकी पत्नी बीना राणा कल्जीखाल ब्लॉक की निर्विरोध प्रमुख बनी हैं।

दिलचस्प बात यह है कि महेंद्र सिंह काग्रेस के टिकट पर चुनावी दंगल में थे, वहीं बीना भाजपा प्रत्याशी थी। निवार्चन कार्यालय से जुड़े अधिकारियों की मुताबिक महेंद्र सिंह द्वारीखाल ब्लॉक के ग्राम डल (हथनुड) के मूल निवासी हैं। स्पष्ट है कि महेंद्र सिंह ने कल्जीखाल की मतदाता सूची से नाम हटाकर अपने मूल गाव की मतदाता सूची में नाम शामिल किया, जबकि उनकी पत्नी का नाम कल्जीखाल के ग्राम चोपड़ा की मतदाता सूची में है।इसलिए पति पत्नी दोनों अलग अलग ब्लॉकों के मतदाता बन गए इसके बाद दोनो चुनाव भी जीत गए। अब यह संयोग पूरे जिले में हर व्यक्ति की जुबां पर है। और सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। लोग इसे लोक तंत्र का सुखद संयोग बता रहे हैं।

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