तो आधी हकीकत आधा फसाना है जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत के भाजपा कांग्रेस के दावे, हर पार्टी कर रही है जीत का दावा, इन सदस्यों के रुख बदल सकता है चुनाव का परिणाम

BJP Congress claims victory over District Panchayat President, every party is claiming victory, these members may change their results

panchayat chunav

उत्तरा न्यूज डेस्क। अल्मोड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव दिलचस्प हो गया है। चुनाव में तीन नामांकन होने के बाद हार जीत की अटकलों पर तेजी से चर्चाएं चल रही हैं। सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात तो यह है जिन चार सदस्यों पर सभी उम्मीद की निगाहों से देख रहे हैं उनकी ओर से अभी तक कोई पत्ते नहीं खोले गए हैं चर्चाएं है कि इन सदस्यों को चुनाव से पूर्व कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है।

अल्मोड़ा में 45 जिला पंचायत सदस्य हैं। यहां कांग्रेस और भाजपा दोनों अपने पास पर्याप्त समर्थन होने का दावा कर रहे हैं। यहां कांग्रेस ने रवाड़ी क्षेत्र की सदस्य उमा सिंह बिष्ट को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं भाजपा ने सकनियाकोट के सदस्य महेश नयाल को अपना प्रत्याशी बनाया है। उमा सिंह पूर्व विधायक मदन सिंह बिष्ट की धर्मपत्नी हैं तो भाजपा प्रत्याशी महेश नयाल बीजेपी युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष हैं।

इस सारे प्रकरण में सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के पुत्र और युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र महरा भी अपना नामांकन करा चुके हैं। इसके बाद चुनाव दिलचस्प हो गया है।

इस पूरे चुनाव में इस बाद निर्दलीयों की भूमिका अहम हो गई है। सा​थ यूकेडी शुरू से अपने चार सदस्यों के जीत के आने से भी किंग मेकर होने का दावा कर रही है। लेकिन सबसे अहम रौल दूसरे खेमे के एक बड़े नेता का है जिनके संपर्क में चार सदस्य होने की बात कही जा रही है। और यदि यह सदस्य ठीक समय पर अपना पाला बदलते हैं तो तस्वीर कुछ भी हो सकती है। यूकेडी का रवैया अभी तक साफ नहीं है कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा करने के बाद भी यूकेडी के सभी सदस्य एकमत नहीं दिख रहे हैं।
पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष के सुपुत्र के चुनाव में उतरने से भी चुनाव महत्वपूर्ण हो गया है। यदि तीनों के बीच चुनाव होता है तो समीकरण काफी उलट पुलट हो सकते हैं।

सबसे बड़ा खतरा है क्रास वोटिंग का बदलते समीकरण के बाद दोनों दलों में कम से कम तीन—तीन क्रास वोटिंग का खतरा बन रहा है। सूत्रों के अनुसार दोनों दलों में एक दूसरे को कमजोर करने का खेल शुरू हो चुका है। जिससे दोनों दलों के प्रत्याशी नाराज हैं। सबको मनाने के खेल में ही उपाध्यक्ष पद पर सात लोगों ने नामांकन कराए हैं।

इधर कांग्रेस पर्याप्त संख्याबल का दावा तो कर रही है लेकिन खींचतान के दुष्परिणाम का खतरा उसे भी सता रहा है। भाजपा में टिकट वितरण के बाद हाईकमान ने जो हिदायत कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को दी उसके बाद सभी बड़े नेता यहां कार्यालय में हाजिरी लगा रहे हैं। इसके बाद बीजेपी प्रत्याशी कुछ मजबूत जरूर हुए हैं।

इधर जिले के एक बड़े नेता के संपर्क में चार सदस्य होने और उन सदस्यों द्वारा अभी तक अपनी स्थिति साफ नहीं किये जाने से दोनों दलों में बेचैनी है। लेकिन किसी भी बड़ी राजनीतिक घटना को लेकर दोनों दल आशंकित हैं। सूत्रों के मुताबिक रविवार देर रात या सोमवार तक अल्मोड़ा में एक बड़ा राजनीति धमाका हो सकता है।

पूरे मामले में यूकेडी के बीच की अनिश्चय की स्थिति ने भी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के बीच खलबली मचा सकती है। चार सदस्य होने का दावा करने वाली यूकेडी यहां भी उसी स्थिति में दिख रही है। जैसी विधानसभा में दिखती है। सूत्रों के मुताबिक पूर्व अध्यक्ष और दो सदस्य एक भाजपा नेता के प्रभाव में हैं तो दो सदस्य अपनी ढपली अपना राग लेकर घूम रहे हैं। यूकेडी के जिलाध्यक्ष भी चुनाव जीते हैं उनका रुख भी अभी तक स्पष्ठ नहीं दिख रहा है।

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