पर्यावरण संस्थान में प्रकृति व्याख्या प्रशिक्षण शिविर शुरू

अल्मोड़ा। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित हरित कौशल विकास कार्यक्र्म के तहत 21 दिवसीय प्रकृति व्याख्या प्रशिक्षण शिविर आज से…

अल्मोड़ा। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित हरित कौशल विकास कार्यक्र्म के तहत 21 दिवसीय प्रकृति व्याख्या प्रशिक्षण शिविर आज से शुरू हो गया। मुख्य विकास अधिकारी मयूर दीक्षित ने इस शिविर का उदघाटन किया गया। पर्यावरण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021 तक 30 कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 5.50 लाख कर्मियों को वन और पर्यावरण के क्षेत्र में पारंगत बनाना है। इन्हीं 30 कार्यक्रमों में से एक प्रकृति विश्लेषण व संरक्षण विषय पर  पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल द्वारा प्रशिक्षण चलाया जा रहा है। कार्यक्रम के संयोजक व संस्थान के वैज्ञानिक डा. गिरीश नेगी ने  अपने सम्बोधन में बताया कि 21 दिवसीय इस प्रकृति व्याख्या प्रशिक्षण कार्यक्रम को नौ मॉडयूलों के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को प्रकृति के बेहद करीब से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा जिसमें उन्हें जीव-जन्तुओं, वनस्पतियों, पर्वतीय खेती, प्रकृति कैम्प, पर्यावरणीय तथा ग्रामीण पर्यटन, वन संरक्षण, जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण, सुदूर संवेदन तथा ग्रामीण तकनीकों जैसे महत्वपूर्ण विशयों पर संस्थान के वैज्ञानिकों एवं उत्तराखण्ड के अन्य विषय-विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा।  डा. नेगी ने मुख्य अतिथि, चयनित प्रशिक्षणार्थियों एवं अन्य आगन्तुकों का स्वागत करते हुए इस तीन सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी मयूर दीक्षित ने हरित कौशल विकास कार्यक्रम तथा इसमें रोजगार के अवसरों की सम्भावना से सबको अवगत कराया तथा उन्होंने प्रकृति के गूढ़ रहस्यों को समझकर उसके अनुसार निर्णय करने को विकास का अहम बिन्दु बताया। उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा कौषल विकास हेतु चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने को कहा। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान के ‘इनविस केन्द्र’ द्वारा प्रकाशित विश्व जल दिवस विशेषांक के ‘इनविस न्यूजलेटर’ का भी विमोचन किया।

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जिला विकास अधिकारी मोहम्मद असलम ने बताया कि कौशल विकास हेतु सरकार की काफी योजनाएं हैं, बस उनको जमीनी धरातल पर उत्कृष्ट स्तर पर गुणवत्ता का ध्यान रखकर कार्यान्वयित करने की है। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. आर.सी. सुन्दरियाल एवं डा. अनीता पाण्डे ने प्रशिक्षणार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारी दी एवं उनका उत्साहवर्धन किया। संस्थान के डा. महेशानन्द, विपिन शर्मा तथा सतीश सिन्हा आदि भी कार्यक्रम के आयोजन में प्रमुख भूमिका निभा रहे है।