दिल्ली में रहकर संगीत साधकों को तराश रहे अल्मोड़ा के भूषण त्रिपाठी

सैकड़ों संगीत प्रेमियों को प्रशिक्षण दे चुके हैं भूषण अल्मोड़ा। भले ही आजीविका चलाने की मजबूरी उन्हें सैकड़ो किमी दूर ले गई हो लेकिन दिल…

सैकड़ों संगीत प्रेमियों को प्रशिक्षण दे चुके हैं भूषण

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अल्मोड़ा। भले ही आजीविका चलाने की मजबूरी उन्हें सैकड़ो किमी दूर ले गई हो लेकिन दिल में संगीत के प्रति लगाव और नई पीढ़ी को दक्ष करने की ललक कम नहीं हुई। यह ललक अब एक मुहिम बन चुकी है जहां उनके मार्ग दर्शन में नई पीढ़ी खुद को तरास रही है।
अल्मोड़ा के चौसार के मूल निवासी भूषण त्रिपाठी दिल्ली के मौजपुर में रहते हैं। और 20 वर्ष पूर्व स्थापित सरस्वती कला केन्द्र के माध्यम से सैकड़ों नौनीहालों को संगीत की शिक्षा दे रहे हैं।

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इन दिनों अपने घर चौसार आए त्रिपाठी ने बताया कि वह स्वयं वोकल गिटार, सितार,तबला, संतूर और पियानो मे दक्ष हैं। अब तक अपने कला केन्द्र के माध्यम से पांच हजार युवाओं को संगीत की विभिन्न विधाओं में दक्ष कर चुके हैं। उनके साथ उनकी पत्नी बीना त्रिपाठी, पुत्र मधुर और रवीश भी संगीत में प्रशिक्षण देते हैं। उनकी पत्नी श्रीमती बीना त्रिपाठी पंडित बिरजू महाराज के भांजे पंडित मुन्ना शुक्ला के सानिध्य में कथक की प्रशिक्षिका है। उनका बड़ा पु़त्र मधुर त्रिपाठी पंडित हरिदत्त शर्मा के सानिध्य में वोकल और सितार में प्रशिक्षित है और इसका प्रशिक्षण भी देते हैं। छोटा पुत्र रवीश त्रिपाठी सितार, पियानो और तबला में प्रशिक्षित हैं। और उन्होंने पंडित हरिदत्त शर्मा,राकेश पंडित तथा तीरथ राम आजाद के सानिध्य में प्रशिक्षित हैं।

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