त्रिया हठ के आगे हारे राजा दशरथ प्राण से प्यारे पुत्र को दिया वनवास का आदेश

त्रिया हठ के आगे हारे राजा दशरथ प्राण से प्यारे पुत्र को दिया वनवास का आदेश

dashrath kekai samvad 2
dashrath kekai samvad 2

अल्मोड़ा। नंदा देवी के प्रांगण में चतुर्थ दिवस की रामलीला में रामवनवास का मार्मिक मंचन किया गया।प्रसंग में कैकई मंथरा संवाद, कैकई दशरथ संवाद, राम दशरथ संवाद, राम कैकई संवाद, राम सीता संवाद, राम लक्ष्मण संवाद और राम वनवास का मंचन किया गया।
इस मौके पर दशरथ कैकई संवाद को देख लोगों की आंखे भर आई। मंथरा के बहकावे में आकर कैकई राजा दशरथ से दो वरदान मांगने पर अड़ी रही और अंतत: जीत गई राजा दशरथ को राम को 14 वर्ष का वनवास और भरत को राज​गद्दी का आदेश देना पड़ा। भारी संख्या में दर्शक यहां मौजूद थे।
इस मौके पर अजित कार्कीअध्यक्ष दशहरा महोत्सव समिति अल्मोड़ा, मुख्य संयोजक दर्शन रावत,पत्रकार दीप जोशी दीपक साह उपाध्यक्ष, सचिन टम्टा, वैभव पांडे उपसचिव अल्मोड़ा दशहरा महोत्सव समिति अल्मोड़ा ने चतुर्थ दिवस की रामलीला का उद्घाटन दीप प्रज्वलित करके किया। श्री कुलदीप सिंह मेर अध्यक्ष नंदा देवी रामलीला कमेटी, श्री प्रकाश पांडे जी मुख्य संयोजक नंदा देवी रामलीला कमेटी, एडवोकेट धनंजय साह कोषाध्यक्ष नंदा देवी रामलीला कमेटी, संजय साह सहसंयोजक, हरि विनोद साह, गणेश मेर, परितोष जोशी द्वारा समस्त अतिथियों का स्वागत किया गया। संचालन समिति के सचिव अर्जुन सिंह बिष्ट द्वारा किया गया। चतुर्थ दिवस की रामलीला का शुभारंभ श्री गणेश स्तुति और श्री राम स्तुति से हुआ उसके उपरांत छोटे-छोटे बच्चों द्वारा माँ सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी गई तदुपरांत रामलीला मंचन का आयोजन हुआ। राम की भूमिका में हर्ष जोशी, लक्ष्मण अजय जोशी, सीता पीहू जोशी, दशरथ की भूमिका में वरिष्ठ रंगकर्मी नवीन बिष्ट, केकई की भूमिका में पुष्पा रौतेला, मंथरा राजू रौतेला ने सुंदर अभिनय किया। मंच सेट निर्माण महेंद्र बिष्ट, अतुल वर्मा, संदीप साह, राजकुमार बिष्ट द्वारा किया गया। हारमोनियम पर संजय उप्रेती तथा तबले पर प्रकाश सनवाल द्वारा सुंदर संगीत दिया गया। रामलीला में अनिल सनवाल, संतोष मिश्रा, मंटू पलनी, हरीश विष्ट, हिमांशु परगाई, जगदीश वर्मा, दानिश, विशाल जोशी, मोहन परगाई, मोहन जोशी, नवल बिष्ट, नमन बिष्ट, वरुण साह, नीरज बिष्ट, हर्ष टम्टा, पारस आदि ने रामलीला मंचन में सहयोग प्रदान किया गया।

dashrath kekai samwad