मेस शुल्क बढ़ाने पर एसएसजे में छात्राएं भड़की, मुख्य परिसर ​में किया धरना—प्रदर्शन, ​विवि व परिसर प्रशासन के खिलाफ की जोरदार नारेबाजी

अल्मोड़ा। कुमाऊं विश्वविद्यालय व परिसर प्रशासन द्वारा हॉस्टल में मेस शुल्क बढ़ाये जाने पर एसएसजे की छात्राएं भड़क उठी। छात्राओं ने मुख्य परिसर में धरना—प्रदर्शन…

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अल्मोड़ा। कुमाऊं विश्वविद्यालय व परिसर प्रशासन द्वारा हॉस्टल में मेस शुल्क बढ़ाये जाने पर एसएसजे की छात्राएं भड़क उठी। छात्राओं ने मुख्य परिसर में धरना—प्रदर्शन किया। इस दौरान विवि व परिसर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। देर शाम तक छात्राएं धरने में अड़ी रही।
दरअसल विवि से संबद्ध परिसरों व कॉलेजों में बने गर्ल्स हॉस्टलों में प्रत्येक छात्रा से 35 रुपये डाईट की दर से दो समय के खाने का प्रतिदिन 70 रुपये शुल्क लिया जाता था। कोई छात्रा हॉस्टल के मेस में खाना खाये या नहीं खाये ​लेकिन माह में 10 दिन का शुल्क दिया जाना अनिवार्य था। लंबे समय से इस शुल्क में वृद्धि नहीं हुई थी। विवि प्रशासन ने बीते दिनों अनिवार्य मेस शुल्क को 10 से बढ़ाकर 25 दिन कर दिया था। जिसके बाद छात्राओं ने विवि के इस फैसले का विरोध किया था। मामले को लेकर बीते माह एसएसजे परिसर में गर्ल्स हॉस्टलों के वार्डन, परिसर प्रशासन व छात्राओं के बीच बैठक हुई थी। सभी की सहमति से अनिवार्य मेस शुल्क को 25 दिन के बजाय 20 दिन कर दिया गया था। लेकिन सोमवार को शैलेजा हॉस्टल की छात्राओं ने इस फैसले पर असहमति जताते हुए ​परिसर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मुख्य परिसर में छात्राओं ने धरना—प्रदर्शन कर विवि व परिसर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्राएं देर शाम तक फैसले को वापस लिये जाने की मांग को लेकर अड़े रहे। धरने—प्रदर्शन के बीच कई बार अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो पीएस बिष्ट तथा कुलानुशासक डॉ देवेंद्र सिंह बिष्ट ने छात्राओं को मनाने का प्रयास किया लेकिन छात्राएं अपनी मांग पर अड़ी रही। देर शाम डीएसडब्ल्यू प्रो पीएस बिष्ट, कुलानुशासक डॉ डीएस बिष्ट व जियारानी गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन डॉ ममता असवाल, शैलेजा हॉस्टल वार्डन प्रो भीमा मनराल व न्यू गर्ल्स हॉस्टल वार्डन डॉ साक्षी तिवारी के बीच बैठक हुई। बैठक में आखिरकार परिसर प्रशासन को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। अनिवार्य मेस शुल्क को पूर्व की भांति 10 दिन रखने में सभी ने सहमति जतायी। इधर छात्राओं ने परिसर प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए देर शाम धरना—प्रदर्शन समाप्त कर दिया।