नये आरक्षण रोस्टर के विरोध में सीएम को ज्ञापन,नई व्यवस्था को बताया संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत, उप्र के रोस्टर की तरह उत्तराखंड में एससी के लिए पहले अनुक्रम का पद आरक्षित रखने की मांग

पिथौरागढ़ सहयोगी। राजकीय सेवाओं, निगमों व शिक्षण संस्थानों में सीधी भर्ती के पदों में आरक्षण व्यवस्था को लेकर नये रोस्टर सिस्टम के विरोध में अनुसूचित…

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पिथौरागढ़ सहयोगी। राजकीय सेवाओं, निगमों व शिक्षण संस्थानों में सीधी भर्ती के पदों में आरक्षण व्यवस्था को लेकर नये रोस्टर सिस्टम के विरोध में अनुसूचित जाति-जनजाति शिक्षक एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। संगठन के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में गत दिवस इस संबंध में आपत्ति जताते हुए सीएम को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया।
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में नई रोस्टर प्रणाली में नये अनुक्रम में संशोधन करते हुए कैबिनेट ने आरक्षण लागू करने के लिए जिस रोस्टर व्यवस्था को मंजूरी दी गई वह आपत्तिजनक है। क्योंकि पूर्व में निर्धारित व्यवस्था जिसमें रोस्टर का पहले अनुक्रम का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था, उसकी जगह अब छठे अनुक्रम का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। कहा है कि यह किसी भी प्रकार से न्यायसंगत नहीं है और संविधान में आरक्षण की मूल भावना के विपरीत है। नई रोस्टर प्रणाली के लागू होने की दशा में सरकार द्वारा कम पदों पर विज्ञप्ति जारी करने पर अनुसूचित जाति के लिए सरकारी सेवाओं में आरक्षण का प्रावधान लगभग निष्प्रभावी जो जाएगा।
एसोसिएशन की जिला इकाई ने मांग की है कि सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित और आरक्षण व्यवस्था को न्यायोचित तरीके से लागू करने के लिए उप्र सरकार की तरह उत्तराखंड में भी रोस्टर प्रणाली में पहले अनुक्रम में एससी वर्ग के लिए आरक्षित पद रखा जाए। ज्ञापन देने वालों में वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश प्रसाद, संरक्षक महेश मुरारी, जिला कोषाध्यक्ष बीआर कोहली, जिला महामंत्री नरेंद्र प्रसाद, मूंजू टम्टा, विनोद टम्टा आदि शामिल थे।