24 दिन में 9 जिलों की यात्रा, 1 लाख लोगों को दिलाई भीख नहीं देंगे की शपथ, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

डेस्क। भिक्षावृत्ति आज देशभर में तेजी से पांव पसार रही है। अधिकांश छोटे बच्चें इसकी गिरफ्त में आ रहे है। भीक्षा देना व लेना किसी…

oli 2 2

india book 1

डेस्क। भिक्षावृत्ति आज देशभर में तेजी से पांव पसार रही है। अधिकांश छोटे बच्चें इसकी गिरफ्त में आ रहे है। भीक्षा देना व लेना किसी समाज के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। लेकिन घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी अपने उन्मुक्ति सुनहरा बचपन कार्यक्रम के तहत पिछले पांच साल से लोगों को भिक्षावृत्ति के खिलाफ जागरूक कर रहे है। अपनी इस पहल में उन्होंने कई किमी की पैदल यात्रा भी की है। भिक्षावृति जैसे अभिशाप से लड़ने के लिए आखिरकार उनकी मेहनत रंग लायी। उनके इस जागरूकता अभियान को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।
घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी के अजय ओली व कार्तिका थपलियाल ने पैदल यात्रा की। जिसमें एक लाख लोगों को मात्र 24 दिनों में भीख नहीं देंगे कि शपथ दिलाई गई। बच्चो की शिक्षा पर जोर दिया गया। 24 दिनों में 9 जिलों पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, हरिद्वार, देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी व बागेश्वर तथा 27 स्थानों में और 40 विद्यालयों को इसमें जोड़ा गया। जिसमें 40 हजार से आधिक बच्चों ने भिक्षा नहीं शिक्षा दो की बात पर जोर दिया। उत्तराखंड के चार धाम में हुई इस यात्रा को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड ने बालश्रम और बालभिक्षावृती के खिलाफ विश्व का सबसे बड़े जागरूकता अभियान दर्ज कर संस्था और सदस्यों को सम्मानित किया।

oli 3 3

मूल रूप से पिथौरागढ़ के टाणा गांव के रहने वाले अजय ओली ने 29 सितंबर 2015 से बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम के लिए यह मुहिम छेड़ी। अभी तक वह 84 हजार 510 किमी की यात्रा कर चुके है। जिसमे 15 हजार 400 किमी की यात्रा पैदल तय की है। 14 हजार 800 से अधिक बच्चों को शिक्षा के माध्यम से जीवन की नई राह से जोड़ा गया। सोसायटी की ओर से 3 लाख 50 हजार लोगों को ​भीख नहीं देंगे की शपथ दिलाई गई। इसके अलावा 9 राज्य और 96 शहर में 12 हजार 500 से अधिक जागरुकता अभियान चलाये। सोसायटी के अजय ओली ने बताया कि उनका उद्देश्य भिक्षा नहीं शिक्षा के माध्यम से 2025 तक देश को बालभिक्षावृत्ति और बाल ऋम मुक्त बनाना है। हाल ही में अजय ओली व कार्तिका थपलियाल ने 3200 किमी चारधाम की नंगे पाँव पैदल यात्रा कर 1 लाख से अधिक लोगों को जागरूक किया।