बुजुर्ग महिला पर बंदरों के झुंड ने किया हमला: घायल महिला को लगाने के लिए अस्पताल में नहीं मिली रैबीज वैक्सीन

अल्मोड़ा। सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाएं दिन पर दिन खस्ताहाल होती जा रही है। सत्ता​धीशों ने हमेशा से लोगों को स्वास्थ्य जैसे मूलभूत अधिकार से वंचित…

अल्मोड़ा। सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाएं दिन पर दिन खस्ताहाल होती जा रही है। सत्ता​धीशों ने हमेशा से लोगों को स्वास्थ्य जैसे मूलभूत अधिकार से वंचित रखा है। आखिर क​ब तक लोग इसी तरह सरकारी तंत्र की उपेक्षा का शिकार होते रहेंगे। चुनावों में बड़े—बड़े वायदे करने वाले नेताओं का ध्यान भी कभी इन अव्यवस्थाओं पर नहीं जाता। रविवार की देर शाम भी कुछ ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया। नगर के दुगालखोला में बंदरों के झुंड ने मोहनी बनौला (65) पत्नी पूरन सिंह बनौला पर अटैक कर दिया। जिसमें वृद्धा बुरी तरह घायल हो गई। परिजन घायल महिला को लेकर यहां जिला अस्पताल पहुंचे। जहां उसके सिर में चार टांके लगे। लेकिन रेबीज वैक्सीन के अभाव में महिला को टीटी लगाकर काम चलाया गया। सोमवार को परिजन घायल महिला को लेकर बेस अस्पताल पहुंचे। जहां उसे रेबीज वैक्सीन लगाई गई। अस्पताल में अव्यवस्था को लेकर घायल महिला के परिजनों तथा स्थानीय लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया। अल्मोड़ा में लंबे समय से लोग कटखने बंदरों व आवारा कुत्तों की समस्या से परेशान है। आये दिन बंदर व कुत्ते राहगीरों, स्कूली बच्चों, बाजार आते—जाते लोगों यहां तक की घर में घुसकर लोगों को जख्मी कर चुके है। समस्या यही तक नहीं है अगर किसी बंदर व कुत्ते ने किसी व्यक्ति को काट लिया तो अस्पताल भर्ती करने पर कभी मरीज के इलाज के लिए ​कभी डॉक्टर नहीं मिलते तो कभी जरूरी इंजेक्शन, दवाईयां व वैक्सीन। नगर के दो बड़े अस्पताल जिला व बेस में अधिकांश समय रेबीज वैक्सीन खत्म रहती है। न तो नगरपालिका व प्रशासन आज तक इन कटखने बंदरों व आवारा कुत्तों से लोगों को निजात दिला पाया और न ही अस्पतालों में व्यवस्थाएं चाक चौबंद हुई। पालिका, प्रशासन व शासन की इस लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है।