चम्पावत में आयोजित हुआ 20 वां कारगिल दिवस शहादत में हुए शहीदो को दी श्रद्धांजलि

चम्पावत सहयोगी। 20वां कारगिल शौर्य दिवस पूरे सम्मान के साथ जिले भर में मनाया गया। मुख्य समारोह जिला सैनिक कल्याण अधिकारी परिसर एवं वन पंचायत…

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चम्पावत सहयोगी। 20वां कारगिल शौर्य दिवस पूरे सम्मान के साथ जिले भर में मनाया गया। मुख्य समारोह जिला सैनिक कल्याण अधिकारी परिसर एवं वन पंचायत सभागार चम्पावत में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी एसएन पाण्डे, पुलिस अधीक्षक ददन पाल, सेना के ले.कर्नल आशीष रंजन, एसएसबी कमाण्डेन्ट नितिम शर्मा, सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल एमएस जोधा, एडीएम टीएस मर्तोलिया, एसडीएम अनिल गर्ब्याल सहित अन्य अधिकारियों, वीर नारियों, भूतपूर्व सैनिकों ने शहीदों के चित्रों पर पुष्पचक्र अर्पित किए तथा पुलिस की टुकड़ी ने मातमी धुन के बीच दो मिनट का मौन रख कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि कार्यक्रम के उपरान्त सैनिक कल्याण परिसर में अधिकारियों ने पौधरोपण किया। रा.बा.इ.का. व राइका के बच्चों ने वन पंचायत सभागार में देशभक्तिपूर्ण रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में जिलाधिकारी एसएन पाण्डे, पुलिस अधीक्षक ददन पाल, सेना के ले.कर्नल आशीष रंजन, एसएसबी कमाण्डेन्ट नितिम शर्मा, सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल एमएस जोधा, एडीएम टीएस मर्तोलिया, एसडीएम अनिल गर्ब्याल ने शहीदों की वीरांगनाओं को शाल भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में कारगिल युद्ध में घायल नायक दान सिंह सहित विभिन्न युद्धों में शहीद सैन्य वीर नारियों परी देवी पत्नी औनरी कैप्टेन स्व.कल्याण सिंह, मन्दोदरी देवी पत्नी स्व.शिरोमणि चिल्कोटी, गंगा देवी पत्नी स्व. जोध सिंह, लक्ष्मी देवी पत्नी स्व.प्रताप सिंह, ईश्वरी देवी पत्नी जगरीश चन्द्रा, पार्वती देवी पत्नी स्व.दीपक सिंह, केशवी देवी पत्नी स्व.विनोद सिंह, माहेश्वरी देवी पत्नी स्व.जोध सिंह, कलावती देवी पत्नी स्व.बलवीर सिंह, नीलावती देवी पत्नी स्व.गोविन्द राम, चनी देवी पत्नी कीर्ति चक्र विजेता स्व.रमेश सिंह सहित जीवित वीर चक्र विजेता औनरी कैप्टन करम सिंह और हवलदार ललित अधिकारी को सम्मानित किया गया। इसके अलावा कारगिल दिवस पर आयोजित देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बालक/बालिकाओं को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी पाण्डे ने शहीदो को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये कहा कि भारतीय इतिहास का यह वो महत्पूर्ण दिन है जिस दिन हमारे देश के महान वीर सपूतां ने मातृभूमि की रक्षा करते हुये अपने प्राणों का बलिदान देकर 26 जुलाई 1999 को कश्मीर के कारगिल जिले में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेडा था। भारतीय सेना ने आपरेशन विजय संचालित कर आज से 19 वर्ष पूर्व ये महान उपलब्धि हासिल की थी। उन्होंने कहा कि जिस तरह सीमा में सैनिक चौबीस घंटे जागकर देश सेवा में लीन है उसी तरह हमें भी अपने कार्यों के प्रति लीन होना होगा जिससे लोगों की सेवा में कोई कमी न आ सके। श्री पाण्डे ने कहा कि उत्तराखंड वीरां की धरती है, इसलिए मॉ और जन्मभूमि की रक्षा, सुरक्षा करना हम सब के साथ समाज का भी दायित्व है। उन्होंने कहा कि अधिकारों से ही कर्तव्य का जन्म होता है इसलिए कर्तव्य के साथ कार्यो, देश सेवा के प्रति समर्पण की भावना सभी में होनी चाहिए, जिससे देश विकास के नये-नये आयाम छू सके। उन्होंने कहा कि ‘कारगिल विजय दिवस-शौर्य दिवस’, कारगिल युद्ध के सभी नायकों, वीर शहीदों तथा देश की सीमा की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे तत्पर सेना के सभी अंगों, अर्द्धसैन्य बलों के पराक्रमी जवानों के प्रति श्रद्धा, आभार, गर्व और सम्मान की अभिव्यक्ति के साथ उन्हें नमन करता हूॅ।
सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल एमएस जोधा व कारगिल युद्ध में घायल नायक दान सिंह ने कारगिल युद्ध का स्मरण सुनाते हुए कहा कि युद्ध में हमारे लगभग 528 वीर योद्धा शहीद हुये थे और लगभग एक हजार जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे।
इस अवसर पर सेना के ले.कर्नल आशीष रंजन, एसपी ददन पाल, एसएसबी कमाण्डेन्ट नितिन शर्मा, सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल एमएस जोधा, एडीएम टीएस मर्तोलिया, एसडीएम अनिल गर्ब्याल, डीएसओ आरएस धामी, डीएमओ मनोज पाण्डे, प्रभारी युवा कल्याण अधिकारी बीएस रावत सहित वीर नारियां, भूतपूर्व सैनिकों आदि उपस्थित थे। संचालन राजेन्द्र गहतोड़ी ने किया।