जंगली जानवरों के आतंक से बचा लो सरकार: 2 माह से गुलदार के आतंक से ग्रामीणो में दहशत

लमगड़ा। विकासखंड लमगड़ा के ग्राम सभा कनरा में विगत 2 माह से गुलदार ने आतंक मचाया हुआ। पिछले 8 हफ्तों में गुलदार 18 पालतू मवेशियों…

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लमगड़ा। विकासखंड लमगड़ा के ग्राम सभा कनरा में विगत 2 माह से गुलदार ने आतंक मचाया हुआ। पिछले 8 हफ्तों में गुलदार 18 पालतू मवेशियों को अभी तक अपना निवाला बना चुका है। यह क्षेत्र सिविल सोयम अल्मोड़ा, नैनीताल की मुक्तेश्वर और उत्तरी गौला रेंज तथा चम्पावत की देवीधुरा रेंज से लगे घने जंगलों से मिला हुवा है। ऐसे में वन विभाग भी अपनी जिम्मेदारी से आसानी से बच जाता है। कनरा के साथ-साथ समीपवर्ती बोरगांव, खैखान, डोल बंग्ला, स्युनानी, बचकंडे, ल्वाली, निरई, क्वेटा, रणाऊ, द्युली रौतेला, खुनी, लमकोट आदि गांवों के ग्रामीण जंगली जानवरों के आतंक से त्रस्त हैं। बकरियां और गौवंश के पशु ही पहाड़ के लोगों की आजीविका है उसको भी गुलदार नहीं होने दे रहा है। सामजिक कार्यकर्ता रमेश बोरा ने कहा की सड़क से लगे क्षेत्रों में नगरपालिका और अन्य शहरों से पकड़कर बंदरों को यहां छोड़ दिया जाता है । ग्रामीणों का का कहना है कि यह कैसी व्यवस्थाएं हैं कि जंगली जानवरों से तो हम परेशान हैं ही साथ ही शहर से पकड़ कर बन्दर भी हमारे ही जंगलो में छोड़ दिये जा रहे हैं प्रशासन शासन द्वारा व्यवस्थाएं हैं कि शहर के सारे बदला पहाड़ में छोड़े जा रहे हैं ऐसे में गावँ के सीमान्त किसान आखिर जाएं तो जाएं कहाँ? ग्राम प्रधान पूरन राम, पूर्व प्रधान जैत सिंह बोरा, पूर्व प्रधान विनोद सिंह बोरा मंडल अध्यक्ष हरीश सिंह बोरा, न्याय पंचायत अध्यक्ष पान सिंह बोरा, बीडीसी सदस्य देवकी बिष्ट पूर्व बीडीसी पान सिंह बोरा वन पंचायत सरपंच हयात सिंह बोरा आदि लोगों वन विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैए के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया है।