अयोध्या में रामनवमी के अवसर पर एक अनोखी और भाव परंपरा की शुरुआत होने जा रही है। 6 अप्रैल से रोज रामलला का सूर्य तिलक किया जाएगा। जिसमें सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर 4 मिनट तक लगातार पड़ेगी।
ये प्रक्रिया पिछले 17 अप्रैल को रामनवमी के दिन शुरू की गई थी हालांकि ये सिर्फ एक दिन के लिए किया गया था लेकिन इस बार इसे आगे बढ़ाने की योजना चल रही है। मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि इस प्रक्रिया के प्लानिंग 20 साल से की जा रही है।
सूर्य तिलक के लिए आईआईटी रोड की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट ने ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम तैयार किया है। इस सिस्टम के जरिए रामलला के गर्भगृह तक सूर्य की रोशनी पहुंचाई जाएगी। तीसरी मंजिल में एक पाइप के जरिए यह सिस्टम तैयार किया गया है जिसमें दो शीशे और तीन लेंस की मदद से सूर्य की किरणें रामलला तक पहुंचेंगी।
राम मंदिर के विस्तार का काम अब आखिरी चरण में है।मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर विस्तार का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है और राम दरबार को सजाने-संवारने की तैयारी भी जारी है। राम भक्तों के लिए अयोध्या का आकर्षण और भी ज्यादा बढ़ने वाला है।अयोध्या में भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
इस वजह से उन्हें सुविधाएं देने पर भी जोर दिया जा रहा है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा संचालित शिक्षण साई संजीवनी अस्पताल में भक्तों को निशुल्क चिकित्सा सेवाएं दी जा रही है।
इस अस्पताल में कैश काउंटर नहीं है और सभी जांच और इलाज मुफ्त किया जाता है। श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में हीमोग्लोबिन, शुगर, ईसीजी जैसी सभी जांचें मुफ्त में की जाती हैं। इसके अलावा, सभी इंजेक्शन और फ्लूइड मैनेजमेंट भी मुफ्त में किया जाता है। इस अस्पताल की स्थापना श्री सत्य साई के नाम से की गई है और यह अस्पताल श्रद्धालुओं को न सिर्फ चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है, बल्कि उन्हें आदमी और स्नेही सेवा भी प्रदान करता है।
अयोध्या नगरी में भगवान राम के दर्शन से भक्तों को संतुष्टि मिलती है और उनके कष्ट भी दूर होते हैं। यही वजह है कि यह रोजाना लोग लाखों की संख्या में आ रहे हैं।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा संचालित यह अस्पताल श्रद्धालुओं के लिए एक आशा की किरण है। जो स्वास्थ्य और सुखी जीवन जीने में मदद करेगी।