राजस्व प्राप्ति के लिए शराब की जगह अन्य विकल्पों पर ध्यान दे सरकार, शराब सामाजिक ढ़ांचे को कर रही है कमजोर- केशव कांडपाल

अल्मोड़ा:: वरिष्ट सामाजिक कार्यकर्ता केशव कांडपाल ने राजस्व के नाम पर शराब की दुकानों को बढ़ाने की कड़ी निंदा की है।उन्होंने कहा कि शराब युवा…

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अल्मोड़ा:: वरिष्ट सामाजिक कार्यकर्ता केशव कांडपाल ने राजस्व के नाम पर शराब की दुकानों को बढ़ाने की कड़ी निंदा की है।
उन्होंने कहा कि शराब युवा वर्ग और समाज के तानेबाने को खोखला कर रही है।
सरकार को शराब की दुकानों को बढ़ाने के बजाय पहाड़ में तकनीकी शिक्षा, प्रबंधन शिक्षा और मेडिकल से संबंधित उत्पादन ईकाइयों पर जोर देना होगा, साथ ही पर्यटन, धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के कार्य करने के साथ ही गांवों में समूह स्तर पर कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि साल दर साल केवल शराब की दुकानों की संख्या बढ़ना यह दर्शाता है कि राजस्व वसूली सरकार की नजर में सबसे बढंकर है और उसे जनस्वास्थ्य और समाजिक ताने बाने की परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार जनता की नाराजगी की अनदेखी कर रही है और इसी तरह अनदेखी जारी रही तो लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे। और पलायन से जूझ रहा पहाड़ और तेजी से खाली होगा, इसलिए सरकार को पहाड़ मे नशे की बजाय रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और कुटीर उद्योंगों को बढ़ावा देना चाहिए‌।