पैन कार्ड के बाद अब वोटर आईडी भी होगा आधार कार्ड से लिंक, चुनाव आयोग ने लागू किया नियम

देश में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के कई आरोपों का स्थाई समाधान निकालने का…

देश में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के कई आरोपों का स्थाई समाधान निकालने का फैसला कर लिया है। आयोग अब वोटर आईडी को आधार के साथ लिंक करने की योजना पर विचार कर रहा है।

यह कदम उन मतदाताओं की पहचान को सुनिश्चित करेगा जो वोटर के रूप में एक से ज्यादा जगह पर रजिस्टर्ड है। चुनाव आयोग ने इसके लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर योजना तैयार की है। बताया जा रहा है कि निर्वाचन आयोग ने उच्चतम अधिकारियों केंद्रीय गृह सचिव विधि सचिव और UIDAI के सीईओ के साथ इस मामले में अहम बैठक होने जा रही है। इस बैठक में वोटर आईडी से जुड़े मुद्दों पर गहराई से चर्चा की जाएगी।


मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार का कहना है कि इस बात पर जोर दिया जा रहा है एक ही वोटर के नाम और पहचान को सही करने के लिए यह पहल आवश्यक है। इससे फर्जी मतदाताओं के नाम सूची से हटाने में सहायता मिलेगी।


यह बैठक ऐसे समय आयोजित हो रही है जब तृणमूल कांग्रेस, शिव सेना (UBT), एनसीपी (SCP) और बीजेडी जैसे कई राजनीतिक दलों ने एक ही EPIC नंबर वाले मतदाताओं का मुद्दा उठाया है।

आयोग ने स्वीकार किया है कि कुछ राज्यों में खराब अल्फान्यूमेरिक सीरीज के कारण गलती से एक ही नंबर दोबारा जारी किए गए थे, लेकिन इसे फर्जीवाड़ा नहीं कहा जा सकता। अब इस मुद्दे का ठोस समाधान निकालने के लिए आयोग ने सक्रिय कदम उठाए हैं।


इसके अतिरिक्त, निर्वाचन आयोग ने 800 से अधिक जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारियों को स्थानीय राजनीतिक दलों के साथ 5000 से ज्यादा बैठकों के आयोजन के निर्देश दिए हैं। इन बैठकों के परिणामस्वरूप मिली प्रतिक्रिया को 31 मार्च तक आयोग को प्रस्तुत किया जाएगा।


2023 में सुप्रीम कोर्ट ने PIL के जवाब में आयोग ने कहा था कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए आधार नंबर जरूरी नहीं है। अब इस मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा कर कानूनी और तकनीकी उपायों पर काम किया जा रहा है। जिसके बाद लोगों को जिस तरह आधार और पैन को लिंक करना आवश्यक था, उसी तरह वोटर आईडी को भी आधार से लिंक करना आवश्यक हो जाएगा।

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