यहां अतिथि शिक्षकों ने वेतन कटौती के खिलाफ जताई नाराजगी, दिया धरना

कटौती वापस न होने पर दी आंदोलन की चेतावनी चौखुटिया/अल्मोड़ा:: अतिथि शिक्षकों के वेतन में 9 साल बाद कटौती किए जाने से आक्रोश फैल गया…

कटौती वापस न होने पर दी आंदोलन की चेतावनी

चौखुटिया/अल्मोड़ा:: अतिथि शिक्षकों के वेतन में 9 साल बाद कटौती किए जाने से आक्रोश फैल गया है। 2015 से बिना कटौती के वेतन प्राप्त कर रहे अतिथि शिक्षकों को अब तुगलकी फरमान के तहत शीतकालीन अवकाश के 13 दिन का वेतन काटकर भुगतान किया गया है। आशंका है कि यही प्रक्रिया ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी दोहराई जाएगी।

वेतन कटौती से आहत अतिथि शिक्षकों ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरना दिया और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि वेतन कटौती का निर्णय वापस नहीं लिया गया तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

धरने में गिरीश पांडे, शिवांशु पंत, महेश गौड़, मीनाक्षी तिवारी, हेम सती, भुवन चंद्र, जगदीश मठपाल, हीरा सिंह, हेमा उप्रेती, जानकी देवी, चंद्रपाल और रामसिंह समेत कई शिक्षक शामिल रहे।

आर्थिक संकट में अतिथि शिक्षक

शिक्षकों ने कहा कि न्यूनतम मानदेय पर शिक्षण कार्य के साथ-साथ गैर-शैक्षणिक कार्यों का भी निष्ठापूर्वक निर्वहन करने वाले अतिथि शिक्षकों को वेतन कटौती के नए आदेश से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि उनकी समस्या का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाए।

उन्होंने कहा कि अतिथियों को देवता मानने वाली देवभूमि में अतिथि शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाना पीड़ादायक और आक्रोशित करने वाला है। यह पहाड़ी राज्य की परिकल्पना के भी विपरीत है। शिक्षकों ने जल्द से जल्द वेतन कटौती का आदेश वापस लेने की मांग की है।

Leave a Reply