हरिद्वार के ज्वालापुर इलाके में सोमवार सुबह एक भीषण विस्फोट हुआ, जिससे पूरा क्षेत्र दहल उठा। यह धमाका एक मकान में रखा गया पटाखों का सामान फटने से हुआ। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि मकान की छत उड़ गई और दीवारें ढह गईं। इस घटना में मकान के अंदर मौजूद आजाद अली गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत उसे मलबे से बाहर निकाला और एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल भिजवाया, जहां से हालत नाजुक होने के कारण उसे एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया।
इस विस्फोट के बाद पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आजाद अली के घर में अवैध रूप से पटाखे बनाए जा रहे थे और विस्फोट इसी कारण हुआ। पुलिस के अनुसार, आजाद अली के पास पटाखा बनाने का कोई लाइसेंस नहीं था। घटना के समय उसकी पत्नी बाहर थी और बच्चे नीचे के कमरे में थे, जिससे वे इस हादसे में सुरक्षित बच गए।
पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल की गहन जांच की और आसपास के लोगों से पूछताछ की। एसपी सिटी पंकज गैरोला ने बताया कि विस्फोट पटाखों के निर्माण में इस्तेमाल की जा रही सामग्री के कारण हुआ। फॉरेंसिक टीम मामले की विस्तृत जांच कर रही है, जिससे पता लगाया जा सके कि विस्फोट में कौन-कौन से रसायन उपयोग किए गए थे।
इस घटना ने प्रशासन को एक बार फिर अवैध पटाखा फैक्ट्रियों की ओर ध्यान देने पर मजबूर कर दिया है। दो साल पहले भी हरिद्वार के रुड़की में अवैध पटाखों के एक गोदाम में विस्फोट से चार लोगों की मौत हो गई थी और कई दुकानें जलकर खाक हो गई थीं। पटाखा निर्माण और भंडारण को लेकर सरकार ने कड़े नियम बनाए हैं, जिनके तहत पटाखा फैक्ट्रियां आबादी से दूर होनी चाहिए और वहां पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम होने जरूरी हैं।
पटाखा फैक्ट्री खोलने के लिए लाइसेंस लेना आवश्यक होता है, जिसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती है। लाइसेंस प्राप्त करने के लिए व्यापार पंजीकरण, पहचान पत्र, पता प्रमाण और अन्य दस्तावेज जमा करने होते हैं। सुरक्षा मानकों का पालन करना जरूरी होता है, जिसमें अग्निशमन यंत्र, आग बुझाने के साधन और फायर ब्रिगेड की स्वीकृति शामिल होती है। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि लोग बिना लाइसेंस के ही अवैध रूप से पटाखा निर्माण करने लगते हैं, जिससे इस तरह की भयावह घटनाएं होती हैं।
हरिद्वार में हुए इस विस्फोट के बाद पुलिस प्रशासन अवैध पटाखा निर्माण को लेकर सख्ती बरत रहा है। हालांकि, घायल आजाद अली की हालत गंभीर होने के कारण पुलिस अभी उससे पूछताछ नहीं कर सकी है। जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि पटाखों का निर्माण कितने बड़े स्तर पर किया जा रहा था और इसमें और कौन-कौन शामिल था।